दिल्ली विश्वविद्यालय के 83 कॉलेजों में यूं तो सभी कॉलेजों में कुछ न कुछ खास है। तथापि कुछ नामचीन कॉलेज हैं, जो अपनी पढाई, कैंपस और रिजल्ट आदि के लिए पहचाने जाते हैं। उनमें किसको दाखिला मिलेगा और किसको नहीं,यह तो लिस्ट आने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल यहां उन कॉलेजों की चर्चा की जा रही है, जिनमें बीए, बीएससी, बीकॉम के सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ, कुछ ऐसे पाठ्यक्रम भी हैं, जो करियर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं।
अदिति महाविद्यालय बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन
बीए (ऑनर्स) हिन्दी जर्नलिज्म
अमरज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोथेरेपी
बीएससी (ऑनर्स) फिजिकल थेरेपी
आयुर्वेदिक ऐंड यूनानी तिब्बिया कॉलेज
बीएएमएस, बीयूएमएस
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज
बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकोनॉमिक्स,ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, मैनेजमेंट ऐंड मार्केटिंग, मार्केटिंग ऐंड रिटेल, टूरिज्म, स्मॉल ऐंड मीडियम एंटरप्राइज कम्प्यूटर साइंस।
इंद्रप्रस्थ कॉलेज
बैचलर ऑफ मास मीडिया ऐंड मास कम्युनिकेशन
इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स
बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन
जीसस ऐंड मेरी कॉलेज
बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन
कमला नेहरु कॉलेज
बीए वोकेशनल स्टडीज
केशव महाविद्यालय
बीएससी मैथमेटिकल साइंस, कम्प्यूटर साइंस, कम्प्यूटर-इलेक्ट्रॉनिक्स, पीजीडीसीए
किरोडीमल कॉलेज
बीए ऑनर्स उर्दू, बीएससी अप्लायड फिजिकल साइंस, बीएससी लाइफ साइंस
दौलतराम कॉलेज
बीएससी ऑनर्स, बायो केमिस्ट्री, बीएससी ऑनर्स लाइफ साइंस
दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट ऐंड कॉमर्स
बीए जर्नलिज्म
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फर्मास्युटिकल साइंस ऐंड रिसर्च
बीफार्मा, डिप्लोमा इन फॉर्मेसी
लेडी इरविन
बीएससी होम साइंस
लेडी श्रीराम कॉलेज
बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन
महर्षि बाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन
बीएड
मिरांडा हाउस
बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन, बीएससी इन लाइफ साइंस
रामजस
बीएससी इन अप्लायड फिजिकल साइंसेज (इलेक्ट्रॉनिक्स), एन्वॉयरनमेंटल साइंसेज, लाइफ साइंसेज
इस कॉलेज की खास बात यह है कि यहां छात्रों के लिए नॉलेज सेंटर की स्थापना की गई है। जहां छात्रों को नई-नई खोजों के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही इंटरनेट वर्ल्ड और सार्क सेंटर भी अहम हैं। यहां रेगुलर एकेडमिक कोर्स के अलावा शॉर्ट टर्म कोर्स भी कराए जाते हैं।
हंसराज
बीएससी कम्प्यूटर साइंस, लाइफ साइंस फिजिकल साइंस
हिन्दू कॉलेज
बीएससी अप्लायड फिजिकलसाइंस (इलेक्ट्रॉनिक्स), फिजिकल साइंस
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन ऐंड स्पोर्ट्स साइंस
बीपीएड, एमपीएड
शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज
बीबीएस, बीएफएस, बीएससी ऑनर्स कम्प्यूटर साइंस
श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स
बीए ऑनर्स इकोनॉमिक्स, बीकॉम ऑनर्स
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
बीई- सिविल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक, एन्वॉयरनमेंटल, मेकेनिकल, प्रोडक्शन ऐंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के अलावा सिविल और मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कर सकते हैं।
प्रस्तुति : फजले गुफरान
डीयू का है अंदाज-ए-बयां और
डीयू न केवल देश के विभिन्न राज्यों के स्टूडेंट्स की पहली पसंद है, बल्कि विदेशी छात्र भी यहां उच्च शिक्षा हासिल करने की हसरत लिए पहुंचते हैं। आखिर क्यों है छात्र-छात्राओं के के लिए डीयू ड्रीम डेस्टिनेशन? इस पर हमने बातचीत की डीयू के डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो.एस.के. विज से..
डीयू में स्टडी को लेकर स्टूडेंट्स में इतना क्रेज क्यों रहता है?
जहां तक बात डीयू की है, तो दुनिया भर में कोर्स करिकुलम और टीचिंग स्टैंडर्ड के लिए इसकी अपनी विशिष्ट पहचान है। एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक परीक्षाएं होती हैं और समय पर रिजॅल्ट आते हैं। राजनीतिक,सामाजिक, फिल्म,संगीत, साहित्य आदि प्रत्येक क्षेत्र में यहां के एल्युमनी की एक लंबी फेहरिस्त है। दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो डीयू में स्टूडेंट्स को स्टडी के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व विकास और प्रतिभा को एक्सप्लोर करने के भी भरपूर अवसर मिलते हैं, जो उनके भावी करियर व जीवन में एक अमिट छाप छोडता है।
डीयू के ड्रीम कॉलेज कौन-कौन से हैं?
डीयू के लिए उससे एफिलिएटेड सभी कॉलेज समान हैं। यह लोगों के मन की धारणा है, जो किसी कॉलेज को नामचीन तो किसी को औसत बताते हैं। सभी कॉलेजों में टीचिंग फैकल्टी की नियुक्ति के लिए योग्यता का पैमाना एक है। पढाई भी एक जैसी होती है और एक साथ एग्जाम भी होते हैं।
बढती महंगाई का असर डीयू पर कितना पडा है?
डीयू के कॉलेजों में संचालित किए जाने वाले डिग्री कोर्सो की फीस सामान्य स्कूल की फीस की तुलना में बेहद कम है। आज भी यहां मासिक ट्यूशन फीस 15 रुपये है, वहीं, पढाई के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
स्टूडेंट्स की ओवरऑल ग्रूमिंग के लिए डीयू में किस तरह का प्लेटफॉर्म मिलता है?
डीयू के सभी कॉलेजों में स्टूडेंट्स के व्यक्तित्व विकास और उसकी प्रतिभा को निखारने के लिए डिबेटिंग, आर्ट्स ऐंड कल्चर सोसाइटीज आदि हैं। इसके अलावा सब्जेक्ट और कोर्स से संबंधित सोसाइटियां भी हैं। कॉलेजों का एनएसएस विंग सामाजिक सरोकारों से जुडने की प्रेरणा जगाता है ।
डीयू में नवागंतुक छात्र-छात्राओं को रैगिंग का कितना डर सताता है ?
डीयू में किसी भी तरह की रैगिंग रोकने के लिए डीयू का अपना अधिनियम है। इसका पूरी कडाई के साथ पालन किया जाता है। पिछले तीन-चार साल में डीयू में रैगिंग का कोई मामला सामने नहीं आया।
क्या यहां के स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट भी मिलती है?
स्टूडेंट्स को जॉब दिलवाने के लिए डीयू ने सेंट्रलाइज्ड प्लेसमेंट सेल(सीपीसी) की स्थापना की है। केंद्रीकृत रूप से प्लेसमेंट की ऐसी व्यवस्था की शुरुआत करने में डीयू अग्रणी रहा है। इसके अंतर्गत डीयू के किसी भी कॉलेज में अंतिम वर्ष में पढने वाले स्टूडेंट्स अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। मंदी के इस दौर में भी अब तक डीयू के विभिन्न कॉलेजों के 300 से ज्यादा स्टूडेंट्स को इस प्लेसमेंट सेल के माध्यम से जॉब मिल चुकी है।
प्रस्तुति : मुनमुन प्रसाद श्रीवास्तव
जाएं तो जाएं कहां
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों में हॉस्टल की भी सुविधाएं हैं। एक नजर इन हॉस्टलों पर ..
दिल्ली विश्वविद्यालय में बाहर से आकर दाखिला लेने वाले छात्रों के सामने सबसे बडी समस्या रहती है आवास की। उनकी पहली चाहत यही होती है कि उन्हें हॉस्टल मिल जाए, क्योंकि दिल्ली में कमरा मिलना आसान नहीं होता। हालांकि हॉस्टल मिलना भी आसान नहींहै। एक तो स्नातक स्तर पर कुछ गिने चुने कालेजों में ही हॉस्टल की सुविधा है और हर कोर्स के लिए दो से तीन सीटों के लिए कम से कम 15 या 20 आवेदन किए जाते हैं। ऐसे में यहां भी मेरिट लिस्ट को ही प्राथमिकता दी जाती है। फार्म भरने के मेरिट लिस्ट के आधार पर यह तय होता है कि हॉस्टल में किसे जगह मिलेगी।
लडकों के लिए हॉस्टल : हिन्दू, वेंकटेश्वर कॉलेज, हंसराज, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हाउस, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, किरोडीमल कॉलेज, सेंट स्टीफन कॉलेज में हॉस्टल उपलब्ध हैं।
लडकियों के लिए हॉस्टल : लेडश्रीराम, इंद्रप्रस्थ, मिरांडा हाउस, दौलतराम, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी), स्टीफंस कॉलेज, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हाउस और वेंकटेश्वर कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा है।
आरक्षण : दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में एडमिशन के लिए भिन्न-भिन्न श्रेणियों में जिस तरह आरक्षण की व्यवस्था है, उसी तरह हॉस्टल में भी अनुसूचित जाति, जनजाति, विदेशी छात्रों, विकलांगों, स्पोर्ट्समैन और सैनिकों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों के लिए 22.5 प्रतिशत, विदेशी छात्रों के लिए 10 प्रतिशत, विकलांगों के लिए 3 प्रतिशत, स्पोर्ट्समैन के लिए 1 प्रतिशत तथा सैनिकों के बच्चों के लिए कुछ सीटें रिजर्व हैं।
1 comment:
bhut achchhi jankari di aap ne
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