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Thursday, June 25, 2009

सपना तब तक ही सुंदर है

 

 

सपना तब तक ही सुंदर है।
जब तक आँखों के अंदर है।

खुशियों को सहेज कर रखना
उनके खो जाने का डर है।

बुरे वक़्त में दुःख ही है, जो
साथ निभाने को तत्पर है।

रिश्तों का बनना आसां है
रिश्तों का बचना दुष्कर है।

इंसानों की मुश्किल ये है
उनके भीतर हमलावर है।

 

 

 

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1 comment:

Raju K.Singh said...

नहीं नहीं श्रीमान .आप भी बहुत अच्छा लिखते है , में तो बस यु ही .आप सबका प्यार बना रहे यही काफी है

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