इंसान ने अपने हुनर से कुदरत को जीतने में कामयाबी पाई है, या कम से कम उसे ऐसा लगता
है। इसलिए जब-जब कोई ऐसी कुदरती घटना घटती है जो इंसान को उसके छोटे होने का अहसास कराती तो उसकी हैरानी छिपाए नहीं छिपती। सूर्यग्रहण भी ऐसा ही कुदरती जादू है। इंसानी सभ्यता की शुरुआत से आज तक हम सूर्यग्रहण को अलग-अलग नजरियों से देखते आए हैं। 22 जुलाई को भी ऐसा ही एक मौका है। तमाम अंधविश्वासों और वैज्ञानिक स्पष्टीकरणों के बीच यह एक त्योहार जैसा है।
क्या आपने सूर्यग्रहण देखने की तैयारी कर ली? अगर नहीं तो इसके बाद पूर्ण सूर्यग्रहण देखने का अगला मौका 25 साल बाद ही मिलेगा। 6 मिनट 39 सेकंड लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण फिर 13 जून 2132 तक नहीं दिखाई देगा। 22 जुलाई को भारत के कई हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देगा। सेंचुरी के सबसे लंबे पूर्ण सूर्यग्रहण को देखने के लिए लोगों में जबर्दस्त उत्साह है। जिन जगहों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखने वाला है वहां भारत से ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन से भी टूरिस्ट आ रहे हैं।
कहां दिखेगा पूर्ण सूर्यग्रहण
भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, सिक्किम और दमन और दीव, दादरा नगर हवेली, अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखेगा। पूर्ण सूर्यग्रहण देखने के लिए पटना, भोपाल, इंदौर, गया, वाराणसी, दार्जिलिंग, गंगटोक, सूरत, उज्जैन या फिर वड़ोदरा जा सकते हैं। इनके अलावा भरूच, छपरा, छतरपुर, कूचबिहार, दमन, दरभंगा, डिब्रूगढ़, इटानगर, जबलपुर, कटिहार, खंडवा, मिर्जापुर, मुजफ्फरपुर, पचमढ़ी, पूर्णियां, रीवा, सागर, सिलीगुड़ी, भावनगर, सिबसागर, सिलवासा और विदिशा में भी पूर्ण सूर्यग्रहण दिखेगा।
बाकी जगह आंशिक सूर्यग्रहण
सूर्यग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। लेकिन ज्यादातर जगहों से यह आंशिक दिखाई देगा। दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, कोलकाता और चेन्नै के लोग पूर्ण सूर्यग्रहण नहीं देख पाएंगे। यहां आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
कब शुरू होगा
नासा के मुताबिक 22 जुलाई को होने वाला सूर्यग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। चंद्रमा की छाया सूर्य को भारत से ढंकना शुरू करेगी और यह नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, चीन से गुजरते हुए पसिफिक ओशन में खत्म होगा। इसकी शुरुआत सुबह 5:30 बजे से होगी जो ज्यादातर इलाकों में 7:30 बजे तक रहेगा। पूर्ण सूर्यग्रहण 6.26 से 6.30 तक, करीब चार मिनट दिखेगा। इस दौरान सूर्य बिल्कुल भी नहीं दिखाई देगा।
नेहरू प्लेनेटोरियम की डायरेक्टर रत्नाश्री ने बताया कि यह सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाएगा और जितना ईस्ट की तरफ जाएंगे वहां ज्यादा साफ और ज्यादा देर तक यह दिखेगा। यानी अरुणाचल प्रदेश में यह ज्यादा साफ दिखेगा। उन्होंने कहा कि मॉनसून का सीजन होने की वजह से उस दौरान बादल होने की संभावना भी है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि पटना के पास बादल कम होंगे। यह इस सेंचुरी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण है। इसकी कुल अवधि 6 मिनट 39 सेकंड रहेगी। इसके बाद भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण 2034 में ही दिखाई देगा, जबकि इतनी लंबी अवधि का सूर्यग्रहण 13 जून 2132 से पहले नहीं दिखाई देगा।
सूर्यग्रहण के बहाने टूरिज़म को भी बढ़ावा
जहां दिल्ली से भी कई लोग सूर्यग्रहण देखने उन इलाकों में जाने की योजना बना रहे हैं, वहीं विदेशी पर्यटक भी इसके लिए खिंचे चले आए हैं। कई ट्रैवल एजंसियों ने खास इसके नाम पर पैकिज तैयार किए हैं। विबग्योर ट्रैवल्स की टूर मैनिजर अंजु बाली ने बताया कि हमने एक साल पहले से इसकी तैयारी कर ली थी और सोलर एक्लिप्स पैकिज तैयार किया है। इसका बहुत अच्छा रिसपॉन्स मिला है। अमेरिका और ब्रिटेन से काफी टूरिस्ट इस पैकिज पर इंडिया आ रहे हैं। यह नौ रात 10 दिन का पैकिज है, जिसमें हम उन्हें इंडिया घुमाने के साथ ही 22 जुलाई को वाराणसी में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाएंगे। इसके लिए हमने इंदिरा गांधी प्लेनेटोरियम के साथ मिलकर तैयारियां की हैं।
इस दिन देश-विदेश से करीब 14 लाख श्रद्धालुओं के कुरुक्षेत्र पहुंचने की उम्मीद है। ये यहां सरोवर में पवित्र स्नान करेंगे। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं और टूरिस्टों को कोई असुविधा न हो इसका खास ख्याल रखा गया है। इसी बहाने हरियाणा टूरिज़म को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यहां सुबह 5.35 से 7.25 तक सूर्यग्रहण दिखेगा। कुरुक्षेत्र में 5-6 जगह पर बड़ी स्क्रीन के जरिए हरियाणा के टूरिस्ट जगहों की जानकारी दी जाएगी। ज्योतिसार, श्रीकृष्ण म्यूजियम और पैनोरमा साइंस सेंटर उस दिन रात भर खुले रहेंगे। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण सूर्यग्रहण पर द्वारिका से यहां कुरुक्षेत्र में पवित्र पानी में डुबकी लगाने आते थे। मान्यता है कि सूर्यग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र में स्नान करने से हजारों अश्वमेघ यज्ञ जितना लाभ मिलता है।
बादलों के पार जाने की तैयारी
मॉनसून को देखते हुए यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं बादल सूर्यग्रहण देखने का मजा खराब न कर दें। लेकिन कुछ लोग मौसम को मात देते हुए बादलों के पार जाकर हवाई जहाज से इसे देखने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कॉक्स एंड किंग्स ने हिस्टॉरिक इक्लिप्स फ्लाइट की तैयारी की है। चार्टर्ड फ्लाइट में बादलों के ऊपर जाकर सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। यह तीन घंटे की फ्लाइट होगी। सन साइड सीट, यानी एयरक्राफ्ट के राइट साइड वाली सीट से पूर्ण सूर्यग्रहण की तस्वीरें ली जा सकेंगी। इसके लिए 79 हजार रुपये चुकाने होंगे। बीच की, गलियारे की और लेफ्ट साइड की सीट के लिए क्रमश: 67 हजार, 59 हजार और 29 हजार रुपये खर्च करने होंगे। इसके अलावा एयर नेट्ज ने भी बादलों के पार ले जाने की तैयारी की है। प्राइवेट जेट से सूर्यग्रहण देखने के लिए एक लाख रुपये चुकाने पड़ेंगे।
दिल्ली में इंतजाम
नेहरू प्लेनेटोरियम इसके लिए खास इंतजाम कर रहा है। नेहरू प्लेनेटोरियम की डायरेक्टर रत्नाश्री ने बताया कि हम प्लनेटोरियम या इंडिया गेट से सूर्यग्रहण दिखाने की तैयारी कर रहे हैं। प्लेनेटोरियम से सूर्यग्रहण की शुरुआत नहीं दिखेगी क्योंकि वहां आसपास बहुत पेड़ हैं। इसलिए हम इंडिया गेट के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। लेकिन मौसम के हिसाब से जगह तय की जाएगी। इसके अलावा हम लोगों को इंटरनेट और वर्कशॉप के जरिए इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हमने eclipsewiki तैयार किया है। यहां से सूर्यग्रहण के बारे में पूरी जानकारी ली जा सकती है। प्लेनेटोरियम से तीन टीमें भोपाल, वाराणसी और सहरसा जाएंगी और यूनिक पिक्चर लेंगी। जिससे जरूरी डेटा मिल सकता है। हम देश के कई हिस्सों में अपने एजुकेटर भी भेज रहे हैं ताकि लोग सही तरीके से इसे देख सकें।
देखें मगर आंख संभाल कर
-आंशिक सूर्यग्रहण या आंशिक तौर पर पूर्ण सूर्यग्रहण या बादलों से ढंके सूर्यग्रहण को बिना सही उपकरणों के देखना कभी सुरक्षित नहीं होता है। यहां तक कि सूर्य 99 फीसदी भी अगर चंद्रमा से ढंका हो तब भी नहीं। क्योंकि तब भी सूर्य का दिख रहा एक फीसदी इतना तीव्र होता है कि रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है।
- नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
- आंशिक सूर्यग्रहण और बादल लगे होने पर भी नंगी आंखों ने देखना खतरनाक है।
- सोलर रेडिएशन से रेटिना पर असर पड़ सकता है। इससे देखने की क्षमता कुछ समय के लिए या हमेशा के लिए जा सकती है।
- नंगी आंखों से केवल पूर्ण सूर्यग्रहण को तब देखा जा सकता है जब चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह ढंका हो।
- खास तरह के फिल्टर लेंस से ही सूर्यग्रहण देखना चाहिए।
- प्रोजेक्शन के जरिए भी सूर्यग्रहण देखा जा सकता है।
-किसी छोटे छेद से किसी स्क्रीन पर सूर्य की इमिज बनाकर उसे देखा जा सकता है।
- पानी या आइने में सूर्यग्रहण को देखना भी उतना ही खतरनाक होता है जितना कि सीधे देखना।
No comments:
Post a Comment