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Wednesday, July 1, 2009

ऑनलाइन एग्जाम नया ट्रेंड, नई बात

ऑनलाइन एग्जाम नया ट्रेंड, नई बातभारत में ऑनलाइन का प्रचलन तेजी से बढ रहा है। आपको टिकट की बुकिंग करानी हो, बैंक से पैसे का ट्रांजैक्शन करना हो या फिर चैटिंग करनी हो-ये सभी काम आप आनॅलाइन के माध्यम से कर सकते हैं। इसकी विशेषता को देखते हुए अब ऑनलाइन एग्जाम भी देश की कई परीक्षाओं में शामिल हो गए हैं। विदेशी कोर्सों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली जीआरई और टॉफेल जैसी परीक्षाएं तो काफी पहले से ऑनलाइन ली जा रही हैं। इसके अलावा, बिट्स-पिलानी भी अपने इंजीनियरिंग अंडर ग्रेजुएट कोर्सों में ऑनलाइन टेस्ट बिट-सैट के माध्यम से ही प्रवेश लेता है।

कितना उपयोगी है ऑनलाइन एग्जाम

ऑनलाइन टेस्ट में संस्थान को न तो मुद्रित प्रश्नपत्रों की व्यवस्था करनी होती है और न ही उत्तर पुस्तिकाओं की। इसके अलावा लिखित परीक्षा में जहां एक ही तिथि में देश के विभिन्न केंद्रों पर स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था करनी होती है, वहीं ऑनलाइन टेस्ट में प्राय: स्टूडेंट्स के लिए एक ही दिन परीक्षा देने की बाध्यता नहीं होती, क्योंकि प्रश्नपत्रों के बहुत सारे सेट ोने के कारण सभी स्टूडेंट्स को एक ही दिन ऑनलाइन टेस्ट नहीं देना होता।

कैट भी हुआ ऑनलाइन

देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों से मैनेजमेंट करने की ललक के कारण कैट में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या हर वर्ष लगातार बढ रही है। इसे देखते हुए ही अब इन भारतीय प्रबंधन संस्थानों (अहमदाबाद, बेंगलुरुलखनऊ, इंदौर, कोझिकोडकोलकाता और शिलांग) में प्रवेश के लिए हर साल आयोजित की जाने प्रवेश परीक्षा कैट को भी इसी साल से ऑनलाइन किया जा रहा है। आईआईएम में प्रवेश के लिए परीक्षा कम्प्यूटर बेस्ट टेस्ट यानी सीबीटी पर आधारित होगी। यह परीक्षा सामान्यतया हर साल नवंबर में आयोजित की जाती है। माना जा रहा है कि कैट के लिए जीआरई पैटर्न अपनाया जाएगा। इसके लिए जीआरई  संचालित करने वाली कंपनी ईटीएस प्रोमैटिक तैयारी कर रही है। इस संदर्भ में आईआईएम-अहमदाबाद के फैकल्टी सदस्य और एडमिशन चेयर पर्सन सतीश देवधर कहते हैं, इस समय कैट ऑनलाइन होने पर एक समिति इसके आधुनिकीकरण के लिए काम कर रही है। आईआईएम के अगले एडमिशन चेयरपर्सन दीप्तेश  घोष कहते हैं कि कैट में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के लिए पहले की तरह देश भर में 23 टेस्ट सेंटर होंगे। उल्लेखनीय है कि कैट के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में हर साल करीब 40  हजार की बढोत्तरी हो रही है। ऑनलाइन व्यवस्था आरंभ हो जाने से इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले करीब तीन लाख आवेदकों को भी सुविधा होगी। उम्मीद की जा रही है कि नवंबर 2009 में आयोजित होने वाले कैट टेस्ट में एक दिन में लगभग 30 हजार स्टूडेंट सम्मिलित हो सकेंगे।

सीबीएसई की उत्तर पुस्तिकाएं भी ऑनलाइन

जो स्टूडेंट्स अगले वर्ष सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित होंगे, उनके लिए खुशखबरी यह है कि अब उन्हें सीबीएसई की परीक्षाओं में शत-प्रतिशत अंक लाने वाले स्टूडेंट्स की उत्तर पुस्तिकाओं को ऑनलाइन पढने का मौका मिलेगा। सीबीएसई ने उन्हें यह सुविधा देने का फैसला किया है ताकि वे लिखने की कला को समझते हुए खुद भी अधिकाधिक अंक हासिल कर सकें।

डीयू भी हुआ ऑनलाइन

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित लॉ सेंटर ने भी इस वर्ष से प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। अभी तक लॉ सेंटर प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्रों को घर ले जाने की अनुमति नहीं देता था, जिससे भावी परीक्षार्थियों को इसके पैटर्न से परिचित होने का लाभ नहीं मिल पाता था और उन्हें तैयारी करने में परेशानी होती थी, लेकिन इस वर्ष होनेवाली परीक्षा के प्रश्नपत्र घर ले जाए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि डीयू के लॉ सेंटर में दाखिले के लिए पूरे देश से करीब डेढ-दो लाख स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं, जिसमें से एंट्रेंस के बाद करीब 1700 का चयन होता है। डीयू का पहला ऑनलाइन एग्जाम इस बार तीन कॉलेजों दक्षिण दिल्ली के वेंकटेश्वर कॉलेजनॉर्थ कैंपस के मिरांडा हाउस और पश्चिमी दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज में हो रहा है। उल्लेखनीय है कि डीयू ने इस वर्ष से बीएससी फ‌र्स्ट ईयर एन्वॉयरनमेंटल साइंस के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन एग्जाम आरंभ करने का निर्णय लिया था। यह कोर्स डीयू के 27 कॉलेजों में संचालित होता है, जिसमें स्टूडेंट्स की संख्या करीब 2400 है। ऑनलाइन एग्जाम 8 से 16 जून तक चलेगा। आईटी का अधिकाधिक लाभ उठाने के लिए डीयू ने अपने टीचर्स को भी ई-टीचिंग की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है, ताकि वे स्टूडेंट्स को और अधिक निखार सकें।

कैसे होता है ऑनलाइन एग्जाम?

ऑनलाइन एग्जाम के तहत स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए शहर के किसी खास सेंटर पर जाना होता है, जहां कम्प्यूटर खोलने पर उसके सामने प्रश्नों का एक सेट आ जाता है। ये प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। कई बार प्रश्नपत्र के एक से अधिक खंड होते हैं। इनमें से आप अपनी पसंद के अनुसार खंड चुन सकते हैं। सभी प्रश्नों को हल करने के लिए निर्धारित समय सीमा होती है। यह सीमा खत्म होते ही पेपर अपने आप क्लोज हो जाता है। ऑनलाइन एग्जाम के लिए सेंटर पर इंस्ट्रक्टर होते हैं, जो कोई परेशानी होने पर उसे दूर करते हैं, लेकिन इस तरह की परीक्षा देने के लिए स्टूडेंट्स यदि कम्प्यूटर पर पहले से प्रैक्टिस कर लें तो बेहतर होगा।

न डरें ऑनलाइन एग्जाम से

ऑनलाइन परीक्षा से स्टूडेंट्स को भयभीत होने की कतई जरूरत नहीं है। चूंकि अब देश की कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं ऑनलाइन हो गई हैं और निकट भविष्य में अन्य परीक्षाएं भी इसी पैटर्न पर होंगी, इसलिए इसे देने से पहले हर स्टूडेंट के लिए ऑनलाइन प्रणाली को समझना जरूरी है। जो स्टूडेंट्स यह समझते हैं कि उन्हें फिलहाल ऐसी कोई परीक्षा नहीं देनी है, उन्हें भी पहले से सचेत रहना चाहिए और अभी से इससे परिचित हो जाना चाहिए। यह परीक्षा बहुत आसान है। अगर आपने कभी कम्प्यूटर नहीं इस्तेमाल किया है, तब भी आप एक-दो घंटे अभ्यास के बाद इससे आसानी से परिचित हो सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इंटरनेट से प्रैक्टिस सेट लोड कर उसका अधिक से अधिक अभ्यास करें, क्योंकि आप जितना अधिक अभ्यास करेंगे, परीक्षा भवन में उतना बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

ऑनलाइन कैट की प्रक्रिया पर दिल्ली स्थित टाइम इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर उल्हास वैरागकर से खास बातचीत

कैट को ऑनलाइन क्यों किया जा रहा है?

दरअसल, कैट में पहले तीस-चालीस हजार स्टूडेंट ही बैठते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसके लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ढाई-तीन लाख तक पहुंच जाने से आईआईएम को प्रवेश परीक्षा संचालित करने में प्रशासनिक दिक्कतें होने लगीं हैं। ऐसे में खर्च और समय बचाने के लिए ऑनलाइन टेस्ट का उपाय चुना गया और इसी साल से इसे लागू करने का निर्णय किया गया।

स्टूडेंट्स के सामने किस तरह की कठिनाई आ सकती है?

देखिए, सिलेबस का कॉन्सेप्ट तो पहले की तरह ही होगा, लेकिन पेपर के बजाय स्क्रीन पर प्रश्नपत्र होने से शुरुआत में स्टूडेंट्स के सामने कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। पेपर पर और कम्प्यूटर पर टेस्ट देने में काफी फर्क होता है। डेटा को स्क्रीन पर देखने और समझने में परेशानी हो सकती है। इससे अच्छी तरह परिचित होने के लिए कम्प्यूटर पर काफी प्रैक्टिस करनी चाहिए, अन्यथा स्टूडेंट का प्रदर्शन 20 से 25 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है।

क्या ऑनलाइन टेस्ट में प्रश्नों के स्वरूप में भी कोई फर्क पडने की उम्मीद है?

उम्मीद की जा रही है कि पेपर पर होने वाले कैट की तुलना में ऑनलाइन कैट में प्रश्नों का लेवॅल  उतना कठिन नहीं होगा। इससे स्टूडेंटस् को थोडी सहूलियत हो सकती है।

क्या इससे शहरों और कस्बों-गांवों के उन स्टूडेंट्स को परेशानी नहीं होगी, जो कम्प्यूटर से परिचित नहीं हैं? उन्हें क्या करना चाहिए?

ऐसे स्टूडेंट्स के लिए तो निश्चित रूप से कठिनाई बढ सकती है, लेकिन इस परेशानी से बचने का एकमात्र तरीका यही है कि जैसे भी हो कम्प्यूटर की सहायता लें, उसके बेसिक्स जानें और कम्प्यूटर पर अधिक से अधिक प्रैक्टिस करें।

 

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