Pages

Wednesday, July 1, 2009

ऐसे करें सपने साकार

      

ऐसे करें सपने साकारमैनेजमेंट गुरु प्रमोद बत्रा का कहना है कि सफलता कोई मंजिल नहीं, बल्कि एक यात्रा है। लगातार चलने वाली यात्रा, जिसके लिए हमें अपना हर कदम बहुत सोच-समझ कर देखभाल कर उठाना है। अमीरी, शोहरत, खुशहाली, खुशियां ऐसी चीजें हैं जो तोहफेमें नहीं मिलतीं, बल्कि हासिल की जाती हैं। वह भी कडी मेहनत से। इसमें भी संदेह नहीं कि इन्हें हासिल कर लेने के बाद यह हमेशा आपके पास ही बनी रहें, यह भी कोई जरूरी नहीं है। इन्हें अपने पास बनाए रखने के लिए भी लगातार कोशिश करनी पडती है। यदि चाहते हैं कि सफलता आपका साथ निभाए तो चंद नुसखों पर आप भी अमल करें-

81. लक्ष्य तय करें

जब तक आप यह तय नहीं करेंगी तब तक अगर आप आगे बढेंगी भी तो किस दिशा में? भ्रमित होकर आए दिन अपना रास्ता बदलने में आप श्रम व समय दोनों व्यर्थ करेंगी। अंतिम लक्ष्य आपकी प्रसन्नता है। वह तभी मुमकिन होगा जब आप अच्छी और संतोषप्रद नौकरी में हों, आपके परिवार के साथ संबंध मधुर हों। तनाव रहित जीवन हो तथा बच्चों का पालन ठीक से कर सकें। बिना लक्ष्य साधे किसी भी दिशा में बढना मुमकिन नहीं। इसलिए यह जरूरी है लक्ष्य अपने सामने रखें और उसकी समय सीमा भी तय करें। इसके एक अच्छे उदाहरण हैं जॉन एफ.केनेडी, जिन्होंने एक संदेश में कहा था, इस देश को यह प्रण करना होगा कि इस दशक के अंत से पहले हम आदमी को चांद पर उतार देंगे। यह ठीक है कि आप और मैं केनेडी नहीं, न ही हमारा लक्ष्य चांद पर पहुंचना है। लेकिन सोचने की ऊंचाई तक तो जाने की कोशिश करनी ही चाहिए। खुशी, धन, प्रसिद्धि, आनंद और सफलता ये सभी चीजें लक्ष्य निर्धारित करने से ही मिलती हैं।

82. सपने देखें

वॉल्ट डेजनी का कहना था कि अगर आप सपना देख सकते हैं तो उसे साकार भी कर सकते हैं। इसलिए सपने देखिए, लेकिन अपनी योग्यता पर भरोसा रखते हुए सपने देखें। बिना लक्ष्य के सपना लिए आप बडी तेजी से गलत दिशा में दौड रहे होते हैं। न केवल अपने लिए बल्कि अगली पीढी के लिए भी सपने देख कर उनकी योजना बनाएं। करियर कांउसलरों का कहना है कि जो सपने नहीं देखते वे जीवन में कभी आगे नहीं बढते। इसलिए सपने देखें लेकिन साथ ही अपने सपनों को पूरा करने के लिए साहस भी रखें। यही आपके रास्ते और मंजिल तय करने में मदद करेगा। ये विचार ही आगे बढने में आपकी हरदम मदद करेगा।

83. बदलाव जरूरी हैं

हालांकि जिंदगी चार दिन की मानी जाती है, लेकिन सच यही है कि कई बार जीवन के रास्ते बडे कठिन और लंबे प्रतीत होते हैं। हर बदलते दिन के साथ जीवन में बहुत से परिवर्तन आते रहते हैं। इन बदलावों को रोकने की क्षमता आपमें नहीं। भले ही आप इन्हें पसंद करें या न करें। इसलिए बेहतर होगा कि इन बदलावों के लिए आप अपने को तैयार रखें। जो समय के साथ चलते हैं वे ही हर क्षेत्र में सफलता पाने के हकदार होते हैं।

84. मेहनत से न घबराएं

ओशो का कहना है कि आलसी व्यक्ति किसी को हानि नहीं पहुंचा सकता, क्योंकि वह ऐसा कुछ करेगा ही नहीं जिससे किसी के लिए भी कोई परेशानी खडी हो। इसलिए बेहतर होगा कि आप आलस त्याग दें और नए जोश से जुट जाएं अपने काम में। मेहनत से बचने वाले कहीं नहीं पहुंच सकते। यदि आपके जीवन का भी कोई खास लक्ष्य नहीं तो आप भी आलसियों में अपने को शामिल कर सकते हैं। याद रखें कि यदि हर संभावित कठिनाई को पहले से दूर कर लिया जाए तो आपके लिए करने को कुछ खास नहीं रह जाएगा। इसलिए मेहनत करने से कतराएं नहीं।

85. अनुशासन सफलता है

अनुशासन जीवन की सफलता की कुंजी है। बिना अनुशासन जीवन के किसी क्षेत्र में आप सफल नहीं हो सकते। चाहे घर-परिवार हो, समाज हो या कार्यक्षेत्र, बिना नियम और अनुशासन के नहीं चल सकता। अच्छा होगा कि अनुशासन में रहते हुए नियम कायदों का पालन दृढता से करें। अनुशासनहीन व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में असफल रहता है।

86. दिमाग को सक्रिय करें

इसमें संदेह नहीं कि मस्तिष्क सबसे कीमती संपत्ति है। लेकिन इसके लगातार इस्तेमाल से ही आप इसे उपजाऊ बना सकते हैं। जैसे जब आप अपना एक रुपया दूसरे को देकर उसका एक रुपया स्वयं लेते हैं तो भी आपके पास एक रुपया ही रहेगा। लेकिन जब आप अपना विचार दूसरे को देकर उसका विचार स्वयं लेते हैं तो आप दोनों के पास दो-दो विचार होते हैं। इसीलिए आज तक दिमाग का कोई विकल्प नहीं बन पाया। जितना इससे काम लेंगी यह उतना ही अधिक उपजाऊ बनेगा। इसे माचिस की तीली न बनने दें। माचिस का सिर होता है, लेकिन उसमें दिमाग नहीं होता। तभी वह छोटी सी तीली कभी-कभी विध्वंसकारी परिणाम दे देती है। इस फर्क को जिस दिन जान लेंगी उस दिन सफलता के रास्ते अपने आप खुल जाएंगे।

87. जिम्मेदार बनें

जब तक काम के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे नहीं, तब तक किसी कार्य में सफलता आपको नहीं मिलेगी। जिम्मेदारी का एहसास ही आपको नियमबद्ध रखने और आगे बढने में मदद करता है। काम कोई भी हो जब तक उसके प्रति आप अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगी उसे पूरा करने को तत्पर कैसे रहेंगी।

88. जोखिम उठाएं

जीवन में हर काम के दो पहलू होते हैं- सकारात्मक व नकारात्मक। किसी भी काम में आपको सफलता भी मिल सकती है, असफलता भी। यदि असफलता के डर से कोई भी काम करने से डरने लगेंगी तो आगे के रास्ते स्वत: ही बंद हो जाएंगे। इसलिए घबराना छोडें और जोखिम उठाने को तैयार हो जाएं। यदि आप गलत दिशा में बढ रहे हैं तो भगवान आपको यू टर्न लेने की अनुमति देता है। हारने के डर से घबराकर यू टर्न लेकर अपना रास्ता बदलना ज्यादा अच्छा है।

89. समय की कीमत जानें

समय को अपने धन की तरह संभालना और खर्च करना सीखें। क्या आप जानती हैं कि आम आदमी अपने जीवन के 70 साल कैसे गुजारता है। 25 साल सोने में, 8 साल पढाई-लिखाई में, 6 साल बीमारी या आराम में, 7 वर्ष सैर-सपाटे में, 5 वर्ष भाग-दौड और 4 साल खाने-पीने में तथा 3 साल ऊपर बताए कामों की तैयारी में। अब आपके पास केवल 12 वर्ष का समय है कुछ उपयोगी कामों के लिए। इसलिए समय रहते समय की कीमत जान लेने वाले सुखी और सफल रहते हैं। जैसे नेपोलियन कम सोने वाले व्यक्तियों में शामिल था, क्योंकि वह समय की कीमत बखूबी जानता था। तभी इतिहास रच पाया। समझदार आदमी जानते हैं कि प्रतिदिन एक घंटा कम सोकर आप अपने जीवन में पांच साल अधिक काम के लिए निकाल सकते हैं। जो समय की कीमत नहीं जानते, वे सफलता से कोसों दूर रहते हैं। जो समय गुजर गया वह कभी लौटकर नहीं आएगा। व्यस्त लोग ऐसे कामों में पांच मिनट लगाना कभी पसंद नहीं करते, जिसमें एक मिनट लगाने की जरूरत हो।

90. पहला कदम

याद रखना जरूरी है कि सफर कोई सा भी हो उस पर चलने के लिए पहला कदम तो आपको रखना ही होगा। पहला कदम यदि कठिन लगेगा तो अगला पहले से ज्यादा आसान होगा। सफर के हर कदम पर आपको मुश्किलें आएंगी, लेकिन उससे डर कर कदम ही न बढाएं, इसमें कोई अक्लमंदी नहीं। चुनौतियों से न घबराएं। हर कदम आपको नई शक्ति, स्फूर्ति और सफलता देगा, यह मान कर ही चलें। यह भी न भूलें कि जो व्यक्ति कदम दर कदम चलकर अपनी मंजिल पर पहुंचता है, वह उससे कहीं अधिक सम्मान पाता है जो सीधे हेलिकॉप्टर से चोटी पर जा पहुंचता है। अब अपना मार्ग आपको स्वयं तय करना है।

व्यावहारिक ज्ञान को अपना मित्र बनाइए। भविष्य की उन्नति चाहती हैं तो वर्तमान में बलिदान देने को तैयार रहें। अपने गुस्से को काबू में रखें। शायद आप नहीं जानती होंगी कि दस मिनट का गुस्सा 600 सेकंड की खुशियों को समाप्त कर देता है। तनाव आपका सबसे बडा दुश्मन है जो हर तरह से आपके रास्ते रोकता है। इसलिए जहां तक हो सके इससे दूर रहिए। फैसले लेते हुए दिल नहीं, दिमाग से काम लें।

ये राहें हैं सफलता की। चाहें तो आप भी इन्हें अपना कर देख सकती हैं। यदि ईमानदारी से इन पर अमल करेंगी तो निश्चित रूप से सफलता आपके कदम चूमेगी।

 

No comments:

Post a Comment