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Wednesday, May 5, 2010

10 करियर रेजोल्यूशन

 
संकल्प: लेने होंगे 10 करियर रेजोल्यूशन

पिछले साल मंदी के असर के कारण लगभग सभी क्षेत्रों में तनाव और दबाव की जो स्थिति थी, वह साल के जाते-जाते काफी हद तक संभल गई। जो नौकरी में बने रहे उन्होंने राहत की सांस ली। यह राहत लंबे समय तक रह पाए इसके लिए चाहिए कुछ ऐसे दृढ संकल्प जो आपको न केवल अपनी जॉब में बने रहने में मदद करेंगे, बल्कि आपको निरंतर आगे की ओर ले जाने में भी सहायक होंगे। आइए जानें उन रास्तों को:

कम्युनिकेशन मजबूत करें

जो व्यक्ति यह सोचता है कि टेक्निकल स्किल ही करियर की राह पर सफल होने का मूल मंत्र है तो वह गलत सोचता है। यह एक अनिवार्य पक्ष हो सकता है लेकिन अंतिम नहीं। संबंधित क्षेत्र में प्रतियोगिता के लिए कम्युनिकेशन स्किल यानी संपर्क की योग्यता होनी जरूरी है। लेकिन इससे भी जरूरी है कि आप अपने सहयोगियों से कैसे संबंध रखते हैं तथा बॉस से आपके कैसे ताल्लुक हैं। यदि सेल्स से संबंधित हैं तो कस्टमर से कैसा व्यवहार करते हैं? वास्तव में ये सारी बातें आपके कम्युनिकेशन स्किल से जुडी हुई हैं।

इसके लिए आपको करना यह होगा कि :

1. सुनने की आदत डालें। सबको सुनने और समझने से अनेक विचारों का आदान-प्रदान होता है व नई सोच विकसित होती है।

2. बोलने में जल्दी न करें। पहले सोचें फिर बोलें।

3. गुस्से पर काबू रखें। यह मामला घर का नहीं है। संबंध बनाने में जितनी देर लगती है, खराब करने में जरा भी समय नहीं लगता।

4. संपर्क के लिए ईमेल व फोन का इस्तेमाल करें।

संस्थान में एक्टिव रहें

केवल मीटिंग में मौजूद रहकर नहीं, बल्कि अपनी उपस्थिति को दर्ज कराने का एक भी मौका हाथ से न जाने दें। अपनी योग्यता, दूरदर्शिता तथा सोच को सही तरीके से पेश करें। दूसरों की सहायता करने को तत्पर रहें। अपने कांटेक्ट को डेवलेप करें। केवल अपने कक्ष तक सीमित न रहें, उसके बाहर भी दुनिया है।

पूर्व बॉस और सहकर्मियों से संपर्क रखें

आपने सुना ही होगा कि दुनिया बहुत छोटी है। किस मोड पर कब कौन सामने आ खडा होगा यह आपको आज पता नहीं चलेगा। इसलिए चाहे जाने वाले हों या तत्कालीन सहयोगी सभी के साथ बेहतर संबंध बना कर रखें। साथ ही यह भी याद रखें कि हर नौकरी के विज्ञापन नहीं निकाले जाते। ऐसे में यदि आपके संबंध संबंधित व्यक्ति से अच्छे होंगे तो आपको जॉब परिवर्तन के लिए ज्यादा जद्दोजहद नहीं करनी पडेगी। दूसरे संस्थान में जरूरत होने पर शायद दिमाग में कौंधने वाला नाम आपका भी हो। कभी-कभी जब भी समय मिले पुराने कनेक्शन रिवाइव करते रहिए। ऐसा भी नहीं है कि आपके संबंध तब यदि खराब रहे हों तो अब भी वैसे ही रहें।

कंप्यूटर फ्रेंडली हों

आज करियर का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जहां कंप्यूटर का इस्तेमाल न होता हो। दूसरे यही वह माध्यम है जो आपको बाकी दुनिया से जोडता है। इसलिए जब भी रिलेक्स करने का मन हो या खाली हों, कंप्यूटर पर समय बिताएं। उसके साथ फ्रेंडली हों। ज्यादा से ज्यादा सिस्टम जानने की कोशिश करें, जिससे अपने कामों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पडे। दूसरे इसका सबसे बडा फायदा यह है कि दुनिया के किसी भी विषय की जानकारी लेने के लिए इससे बेहतर माध्यम अन्य कोई नहीं।

बॉस से एक कॉम्प्लीमेंट जरूर लें

थोडा मुश्किल होगा, लेकिन कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं। बॉस को संतुष्ट करना किले को जीतने से कम नहीं है। कई बार अपवाद भी होते हैं। फिर भी यदि आपको एक काम की तारीफ भी अपने बॉस से मिलती है तो काम करने का उत्साह दुगुना हो जाता है तथा संतुष्टि के साथ मानसिक संतोष भी मिलता है। किसी के करियर को चौपट करने या बनाने में उसके बॉस की भूमिका महत्वपूर्ण है। जहां तक हो सके अपनी तरफ से कमी न छोडिए। इसे चुनौती मान कर स्वीकार करें।

कंफर्ट जोन से बाहर आएं

लंबे समय तक चलने वाली नौकरी आपके लिए आरामदायक हो जाती है। परिचित माहौल, निश्चित कार्यक्रम, जाने-पहचाने लोग.. अब चिंता किस बात की। लेकिन जब आप अपनी जॉब में आरामपसंद हो जाते हैं तो समझ लें कि मुश्किल घडी दूर नहीं। अपने को प्रूव करने की जरूरत हमेशा रहती है। दुनिया की कोई भी नौकरी आराम करने का पैसा नहीं देती। हां काम करने के तरीके सबके फर्क हो सकते हैं। यदि सफलता चाहिए तो आरामतलबी छोडने का निर्णय तुरंत लें।

अपने को पुश करें

न चाहते हुए भी बहुत से काम आपको ऐसे करने पडते हैं जो जरूरी हैं। जॉब में इच्छा या अनिच्छा का कहीं कोई सवाल नहीं रहता। जो कंसर्न चाहती है वह आपको करना होगा, तो अच्छा यही रहेगा कि मन से तैयार रहें। अपने को धकेल कर काम कराना पडे तो भी पीछे मत हटिए। जामिया के कुछ स्टूडेंट्स को करियर कांउसलिंग वर्कशॉप के दौरान यह कहा गया कि जाओ बारिस्ता और कॉफी कैफे डे जैसे रेस्तरां में जाकर काम मांगो। लौटते समय सीनियर पर्सन से 50 रुपये उधार भी मांगो। सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह उनका आत्मविश्वास बढाने और झिझक दूर करने के लिए किया गया। हैरानी की बात है कि सात में से पांच को रुपये भी मिले। यह अलग बात है कि वह बाद में वापस कर दिए गए। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारतीय समाज की सबसे बडी दिक्कत ही यही है कि वे झिझक छोड नहीं पाते।

एक्सपोजर का सहारा लें

केवल प्रोफेशनल डिग्री या डिप्लोमा आपके करियर की उन्नति के लिए काफी नहीं है। यह किताबी ज्ञान आपको विषयगत जानकारी ही देगा। सक्सेस चाहिए तो मुखर होना पडेगा। अपने को पूरे तौर पर एक्सपोज करना होगा।

अपनी योग्यता यदि अपने भीतर ही छिपा कर रखेंगे तो भला किसका होगा? न कंपनी का न आपका। यदि जॉब बदलना भी चाहें तो भी एक्सपोजर की जरूरत तो पडेगी ही। कांउसलर का कहना है कि भारत में प्रैक्टिकल एक्सपोजर की कमी जबर्दस्त है। वर्कशॉप अटेंड करें, सेमिनार और कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने से कतराएं नहीं। यह याद रखें कि किसी क्षेत्र में नीड्स ज्यादा होती हैं, कुछ में कम। यह आप पर है कि आप अपनी स्किल को कैसे डेवलप करें।

टीम स्पिरिट बढाएं

अकेला चना भाड नहीं झोंक सकता। साथ लेकर चलना आपकी जरूरत है। कोई कंपनी अकेले से नहीं चलती है। इसके लिए बेहतर होगा कि अपने सहकर्मियों के साथ सहयोगी वातावरण बनाएं। जरूरत पडने पर एक-दूसरे की मदद करें।

प्रोफेशनल हों

ऑफिस में दोस्ताना व्यवहार बनाना जरूरी है, लेकिन आत्मीयता को हद से बढाना प्रोफेशनल्स के लिए खतरनाक है। यह करियर के लिए कभी-कभी घातक सिद्ध हो जाता है। इसलिए वर्कप्लेस में न तो इमोशनल हों और न ही पर्सनल। अपनी भावनाओं को काबू में रखने की कोशिश करें।

 


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