फरीदकोट के नागरिक कसाब और मारे गए उसके नौ सहयोगी आतंकियों पर लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर 166 लोगों की हत्या और 304 को घायल करने का आरोप है। मारे गए लोगों में 25 विदेशी भी शामिल थे।
मुंबई। मुंबई के गुनहगार पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब की जिंदगी और मौत का फैसला 6 मई को हो जाएगा। 6 मई को तय होगा कि कसाब को फांसी होगी या सारी उम्र जेल में सड़ना होगा। मंगलवार को मुंबई की विशेष अदालत में सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कसाब को एक नहीं बल्कि पांच पांच नामों से पुकारा। उन्होंने साफ कहा कि इस इंसान पर नरमी बरतना भारी गलती होगी। इसीलिए कसाब को सिर्फ फांसी दी जानी चाहिए। अदालत में अपनी दलील रखते हुए निकम ने कसाब को शैतान का नुमाइंदा और किलिंग मशीन तक करार दिया।
कसाब- किलिंग मशीन है।
कसाब- शैतान का नुमाइंदा है।
कसाब- जंगली जानवर से भी बदतर है।
कसाब- मौत का सौदागर है।
कसाब- जहरीला सांप है जो बार-बार काटता है।
हमलों के दौरान जीवित पकड़े गए एकमात्र आतंकी अजमल कसाब की कोठरी और विशेष अदालत दोनों उच्च सुरक्षा वाले कारागार के भीतर स्थित हैं।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि दक्षिणी मुंबई में सात रास्ता पर स्थित इस कारागार की ओर जाने वाले साणे गुरुजी मार्ग पर सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। गश्त तेज कर दी गई है और बालू के बंकर बनाकर पुलिसकर्मी दिन रात चौकसी कर रहे हैं।
इस कारागार के करीब स्थित सड़क पर यातायात को एकतरफा कर दिया गया है और यहां से गुजरने वाले सभी वाहनों के नंबर प्लेटों को पुलिस दर्ज कर रही है। करीब एक वर्ष पहले कसाब के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। तब से उसे किसी भी हमले से बचाने के लिए तैयार एक विशेष बुलेट प्रूफ और बम निरोधक कोठरी में बंद कर रखा गया है। इस कोठरी को एक सुरंग के माध्यम से अदालत से जोड़ा गया है जिसे कोई गोली या बम बेध नहीं सकता।
कसाब की सुरक्षा में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 200 कर्मियों के एक दल को तैनात किया गया है। जेल के दो भाग हैं एक में विशेष अदालत तथा कसाब की कोठरी है तथा अन्य में 11 बैरक, एक जेल अस्पताल और हाई प्रोफाइल कैदियों के लिए एक अंडाकार कोठरी है।
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