अंजन.... कुछ दिल से
अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता और जीवन-कर्म के बीच की दूरी को निरंतर कम करने की कोशिश का संघर्ष....
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Monday, May 17, 2010
कुछ मेरे कदमो का ,
कुछ कसूर अंधेरो का भी होगा
इतनी गुस्ताख निगाहे नहीं हैप्पी ,
कुछ कसूर चेहरों का भी होगा
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