अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता और जीवन-कर्म के बीच की दूरी को निरंतर कम करने की कोशिश का संघर्ष....
आईसीसी र्वल्ड कप लगे हमारे हाथ गए वेस्ट इंडीज वे इस दावे के साथ इस दावे के साथ, रवाना हुए धुरंधर किंतु कागजी शेर ढेर हो ताकें अंबर दिव्यदृष्टि जब थके हुए थे इतने भाई तो जाकर परदेस करी काहे रुसवाई
No comments:
Post a Comment