जब तुम आसमान के लिए
भरों उड़ान
और तेज आंधियाँ रोके तुम्हारी राह
मैं प्रार्थना के रूप में रहूँगी साथ
सूरज की प्रखरता बढ़ाने लगे थकान
मै छाया बनकर दूँगी साथ
जब आ जाए कोई अमावस भरी रात
मै रोशनी बनकर रहूँगी साथ
और एक दिन जब छू लो तुम
अपने पँखों से आसमान
सितारों की चमक जब बस जाए
तुम्हारी आँखों में
तब पलके मूँदकर एक बार
मुझे करना याद।
No comments:
Post a Comment