जब हम "स्वास्थ्य" की बात करते
हैं, तो अक्सर हमारा
ध्यान शारीरिक स्वास्थ्य पर केंद्रित होता
है — जैसे कि व्यायाम,
पोषण, और बीमारियों से
बचाव। लेकिन एक और पहलू
है जो उतना ही
महत्वपूर्ण है, और वह
है मानसिक स्वास्थ्य। मानसिक स्वास्थ्य
हमारे विचारों, भावनाओं, और व्यवहार को
प्रभावित करता है और
यह तय करता है
कि हम जीवन की
चुनौतियों से कैसे निपटते
हैं।
मानसिक
स्वास्थ्य क्या है?
मानसिक
स्वास्थ्य का अर्थ है
— एक व्यक्ति का भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक
और सामाजिक रूप से संतुलित
होना। यह हमें:
- तनाव को संभालने में मदद करता है
- दूसरों से अच्छे संबंध बनाने में सहायक होता है
- निर्णय लेने और जीवन में आगे बढ़ने की क्षमता देता है
मानसिक
रोग और स्थितियाँ
मानसिक
रोग कई प्रकार के
हो सकते हैं, जिनमें
से कुछ सामान्य स्थितियाँ
निम्नलिखित हैं:
1. डिप्रेशन
(अवसाद)
यह एक आम मानसिक
स्थिति है जिसमें व्यक्ति
लगातार उदासी, निराशा और ऊर्जा की
कमी महसूस करता है।
2. एंग्जायटी
डिसऑर्डर (चिंता विकार)
इसमें
व्यक्ति को अत्यधिक चिंता,
डर और बेचैनी होती
है, जो उसकी दैनिक
गतिविधियों को प्रभावित कर
सकती है।
3. बायपोलर
डिसऑर्डर
इसमें
मूड में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होते हैं — कभी
अत्यधिक उत्साह और कभी गहरी
उदासी।
4. स्किज़ोफ्रेनिया
यह एक गंभीर मानसिक
रोग है जिसमें व्यक्ति
को भ्रम, मतिभ्रम और सोचने में
कठिनाई होती है।
मानसिक
स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें?
- नियमित व्यायाम करें
- पर्याप्त नींद लें
- अपनों से बात करें और भावनाएँ साझा करें
- योग और ध्यान का अभ्यास करें
- जरूरत पड़ने पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें
🧠 भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े आँकड़े
🔹 प्रचलन (Prevalence)
- भारत में 15% वयस्क आबादी किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही है, जिसे चिकित्सकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
- शहरी क्षेत्रों में मानसिक रोगों की दर 13.5% है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 6.9% है।
🔹 उपचार की कमी (Treatment Gap)
- भारत में 70% से 92% मानसिक रोगियों को उचित उपचार नहीं मिल पाता है। इसका कारण है:
- जागरूकता की कमी
- सामाजिक कलंक (stigma)
- मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की भारी कमी
🔹 मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की उपलब्धता
- भारत में केवल 0.75 मनोचिकित्सक प्रति 1 लाख जनसंख्या हैं, जबकि WHO की सिफारिश है 3 प्रति 1 लाख।
🔹 आर्थिक प्रभाव
- 2012
से 2030 के बीच, भारत को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 1.03 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है।
🔹 आत्महत्या दर
- भारत में आयु-समायोजित आत्महत्या दर है 21.1 प्रति 1 लाख जनसंख्या।
🌐 प्रमुख कारण: मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के
1. स्व-देखभाल की कमी (Lack of Self-Care)
लोगों
के पास भले ही
भौतिक सुख-सुविधाएँ हों,
लेकिन यदि वे मानसिक
और भावनात्मक रूप से खुद
का ध्यान नहीं रखते, तो
यह मानसिक असंतुलन का कारण बन
सकता है।
2. समय
प्रबंधन की खराबी (Poor Time Management)
प्रोक्रास्टिनेशन,
देर से पहुँचना, और
समय पर कार्य न
कर पाना तनाव और
चिंता को बढ़ा सकता
है।
3. विषाक्त
सामाजिक संबंध (Toxic Social Circle)
नकारात्मक
सोच वाले या आलोचनात्मक
लोगों के साथ समय
बिताना आत्म-सम्मान को
प्रभावित कर सकता है।
4. अत्यधिक
अपेक्षाएँ और तुलना (Desire for More &
Comparison)
सोशल
मीडिया और समाजिक दबाव
के कारण लोग खुद
को दूसरों से तुलना करते
हैं, जिससे असंतोष और अवसाद की
भावना उत्पन्न होती है।
5. आनुवंशिक
और पर्यावरणीय कारक (Genetics &
Environmental Factors)
मानसिक
रोगों का एक बड़ा
कारण आनुवंशिक प्रवृत्तियाँ और बचपन के
अनुभव हो सकते हैं,
जैसे कि घरेलू हिंसा,
गरीबी, या उपेक्षा।
6. खराब
आदतें (Poor
Lifestyle Habits)
नींद
की कमी, असंतुलित आहार,
और व्यायाम की कमी मानसिक
स्वास्थ्य को प्रभावित कर
सकती है।
🌐 प्रमुख कारण: मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के
1. स्व-देखभाल की कमी (Lack of Self-Care)
लोगों
के पास भले ही
भौतिक सुख-सुविधाएँ हों,
लेकिन यदि वे मानसिक
और भावनात्मक रूप से खुद
का ध्यान नहीं रखते, तो
यह मानसिक असंतुलन का कारण बन
सकता है।
2. समय
प्रबंधन की खराबी (Poor Time Management)
प्रोक्रास्टिनेशन,
देर से पहुँचना, और
समय पर कार्य न
कर पाना तनाव और
चिंता को बढ़ा सकता
है।
3. विषाक्त
सामाजिक संबंध (Toxic Social Circle)
नकारात्मक
सोच वाले या आलोचनात्मक
लोगों के साथ समय
बिताना आत्म-सम्मान को
प्रभावित कर सकता है।
4. अत्यधिक
अपेक्षाएँ और तुलना (Desire for More &
Comparison)
सोशल
मीडिया और समाजिक दबाव
के कारण लोग खुद
को दूसरों से तुलना करते
हैं, जिससे असंतोष और अवसाद की
भावना उत्पन्न होती है।
5. आनुवंशिक
और पर्यावरणीय कारक (Genetics &
Environmental Factors)
मानसिक
रोगों का एक बड़ा
कारण आनुवंशिक प्रवृत्तियाँ और बचपन के
अनुभव हो सकते हैं,
जैसे कि घरेलू हिंसा,
गरीबी, या उपेक्षा।
6. खराब
आदतें (Poor
Lifestyle Habits)
नींद
की कमी, असंतुलित आहार,
और व्यायाम की कमी मानसिक
स्वास्थ्य को प्रभावित कर
सकती है।
भारत
में मानसिक स्वास्थ्य सहायता संसाधन
🧠 सरकारी पहलें (Government
Initiatives)
1. Tele-MANAS (National Tele Mental Health
Programme)
- Helpline
Numbers: 14416 / 1800-89-14416
- सेवाएं: 24/7 मुफ्त टेली-काउंसलिंग
- लॉन्च: अक्टूबर 2022
- उद्देश्य: मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सुलभ बनाना
1
2. National Mental Health Programme (NMHP)
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
- सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मानसिक स्वास्थ्य इकाइयाँ
📞 प्रमुख हेल्पलाइन सेवाएं (Top Helplines &
NGOs)
नाम |
सेवा विवरण |
संपर्क |
iCall
(TISS) |
टेलीफोन और ईमेल आधारित काउंसलिंग |
iCall |
AASRA |
आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन |
91-9820466726 |
Vandrevala
Foundation |
मानसिक स्वास्थ्य सहायता |
1860
266 2345 / 1800 233 3330 |
Roshni
Trust |
संकट हस्तक्षेप और परामर्श |
040-66202000 |
Sumaitri |
संकट में लोगों के लिए सहायता |
011-23389090 |
Snehi |
किशोरों और युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता |
91-9582208181 |
Lifeline
Foundation |
इमोशनल सपोर्ट और काउंसलिंग |
033-24637401 |
🏫 शैक्षणिक और कार्यस्थल समर्थन
- कई स्कूलों और कॉलेजों में अब मानसिक स्वास्थ्य सेल्स हैं
- कार्यस्थलों पर Employee Assistance
Programs (EAPs) के
माध्यम से काउंसलिंग उपलब्ध है
🌐 डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऐप्स
- YourDOST, Wysa,
और MindPeers जैसे ऐप्स ऑनलाइन थेरेपी और सेल्फ-हेल्प टूल्स प्रदान करते हैं
निष्कर्ष
मानसिक
स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना
हमारे जीवन की गुणवत्ता
को प्रभावित कर सकता है।
यह समय है कि
हम मानसिक स्वास्थ्य को भी उतनी
ही प्राथमिकता दें जितनी शारीरिक
स्वास्थ्य को देते हैं।
जागरूकता, समझ और सहानुभूति
से हम एक मानसिक
रूप से स्वस्थ समाज
की ओर बढ़ सकते
हैं।
Source- Google
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