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Saturday, May 17, 2025

फिल्म समीक्षा: सितारे ज़मीन पर (2025) – एक बार फिर दिल को छू गई आमिर की कहानी

 🌟 फिल्म समीक्षा: सितारे ज़मीन पर (2025) – एक बार फिर दिल को छू गई आमिर की कहानी

 

कहानी की झलक:

"सितारे ज़मीन पर" 2007 की क्लासिक फिल्म का सीक्वल नहीं है, बल्कि एक नई कहानी है जो बच्चों की भावनाओं, शिक्षा प्रणाली और समाज की अपेक्षाओं के बीच उलझे एक मासूम की ज़िंदगी को दर्शाती है। आमिर खान इस बार एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका में हैं, जो विशेष बच्चों के लिए एक नई सोच लेकर आता है।

 

अभिनय:

आमिर खान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ अभिनेता नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कहानीकार भी हैं। फिल्म में उनके साथ कुछ नए बाल कलाकार हैं, जिनकी मासूमियत और अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया। खासकर मुख्य बाल कलाकार की परफॉर्मेंस बेहद प्रभावशाली रही।

 

निर्देशन और पटकथा:

फिल्म का निर्देशन किया है अमोल गुप्ते ने, जिन्होंने पहले भाग की कहानी भी लिखी थी। उन्होंने इस बार भी एक संवेदनशील विषय को बेहद सादगी और गहराई से पेश किया है। फिल्म की पटकथा दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है।

 

संगीत और तकनीकी पक्ष:

शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी ने एक बार फिर दिल को छू लेने वाला संगीत दिया है। "छोटे कदम", "उड़ चलें" जैसे गाने लंबे समय तक याद रहेंगे। बैकग्राउंड स्कोर कहानी के साथ खूबसूरती से मेल खाता है।

 

क्या खास है?

  • बच्चों की दुनिया को समझने की एक नई कोशिश
  • आमिर खान की भावनात्मक परफॉर्मेंस
  • प्रेरणादायक और सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी
  • खूबसूरत संगीत और सिनेमैटोग्राफी

 

कमज़ोर पक्ष:

  • कुछ दृश्य थोड़े धीमे लग सकते हैं
  • फिल्म का टोन बहुत गंभीर है, जो हर दर्शक को भा सके

 

अंतिम विचार:

रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐½ (4.5/5)

"सितारे ज़मीन पर" सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यह हमें बच्चों को समझने, उन्हें अपनाने और उनके सपनों को उड़ान देने की प्रेरणा देती है। अगर आप दिल से जुड़ी कहानियों को पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है।

 

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