राजनीति शतरंज के खेल से कहीं बहुत आगे होता है.
शतरंज के खेल में सभी प्यादों की ताकत निश्चित होती है
जबकि राजनीति में कब कौन ताकतवर हो जाये, कोई नहीं जानता.
और सबसे बड़ी बात - शतरंज में खिलाडी कौन है और प्यादा कौन -
यह सबको पता होता है. लेकिन राजनीति कब कौन प्यादा खिलाडी बन जाए यह भी पता नहीं चलता.
विवेक अंजन श्रीवास्तव
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