Pages

Thursday, April 15, 2010

कभी कभी



यूँ हौसले बढ़े है हमारे कभी कभी,
जीते हजार बार तो हारे कभी कभी..
चलो एक बार फिर अपनी ख्वाहिशे दोहराएं,
होते है मेहरबान ये सितारे कभी कभी..
ख्यालों का भी अपना एक अलग मज़ा है,
लगते है खूबसूरत ये नज़ारे कभी कभी..
लहरों से उलझ के भी खुद पे रखना यकीन,
पास आते है खुद चल के ये किनारे कभी कभी


No comments:

Post a Comment