दीपावली,
जिसे हम "दीपों का पर्व" कहते हैं, भारत का सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप
से मनाया जाने वाला त्योहार है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर
और नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर बढ़ने का प्रतीक है। यह पर्व पाँच दिनों तक चलता
है, और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है।
🪔 1. धनतेरस – समृद्धि और स्वास्थ्य का
दिन
तिथि: कार्तिक
मास की त्रयोदशी
धार्मिक महत्व:
इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, जो आयुर्वेद के देवता हैं। साथ
ही, इस दिन भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है।
परंपराएँ:
- नए बर्तन, आभूषण, वाहन या इलेक्ट्रॉनिक
वस्तुएँ खरीदना शुभ माना जाता है।
- घर की सफाई और सजावट शुरू होती है।
- दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता
है, जिससे लक्ष्मी का स्वागत होता है।
सांस्कृतिक
संदेश:
धनतेरस हमें स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रति जागरूक करता है और शुभ आरंभ का संकेत देता
है।
🌑 2. नरक चतुर्दशी / रूप चौदस – बुराई
पर अच्छाई की जीत
तिथि: कार्तिक
मास की चतुर्दशी
धार्मिक महत्व:
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और 16,000 कन्याओं को मुक्त किया
था।
परंपराएँ:
- सूर्योदय से पहले तेल लगाकर स्नान
करना (अभ्यंग स्नान)।
- नए वस्त्र पहनना और रूप-सज्जा करना।
- घर में दीप जलाना और पूजा करना।
सांस्कृतिक
संदेश:
यह दिन आत्मशुद्धि और आंतरिक सुंदरता का प्रतीक है।
🎇 3. दीपावली – प्रकाश और लक्ष्मी पूजन
का पर्व
तिथि: कार्तिक
मास की अमावस्या
धार्मिक महत्व:
- भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास
के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दीप जलाए गए थे।
- माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और माँ
सरस्वती की पूजा की जाती है।
परंपराएँ:
- घर को दीपों, रंगोली, फूलों और रोशनी
से सजाया जाता है।
- लक्ष्मी पूजन के बाद मिठाइयाँ बाँटी
जाती हैं और पटाखे जलाए जाते हैं।
- व्यापारिक प्रतिष्ठानों में नए खाता-बही
की शुरुआत होती है।
सांस्कृतिक
संदेश:
दीपावली हमें जीवन में उजाला, ज्ञान और समृद्धि लाने की प्रेरणा देती है।
🏞️ 4. गोवर्धन पूजा / अन्नकूट – प्रकृति
और अन्न की पूजा
तिथि: कार्तिक
शुक्ल प्रतिपदा
धार्मिक महत्व:
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों को इंद्र के प्रकोप से
बचाया था।
परंपराएँ:
- गोवर्धन की आकृति बनाकर उसकी पूजा
की जाती है।
- अन्नकूट का आयोजन होता है, जिसमें
सैकड़ों प्रकार के व्यंजन भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
- सामूहिक भोज और भजन-कीर्तन होते
हैं।
सांस्कृतिक
संदेश:
यह दिन प्रकृति, अन्न और भगवान की कृपा के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर है।
👨👧 5. भाई दूज – भाई-बहन के प्रेम का पर्व
तिथि: कार्तिक
शुक्ल द्वितीया
धार्मिक महत्व:
इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने गए थे। यमुनाजी ने उन्हें तिलक कर भोजन कराया
और भाई की लंबी उम्र की कामना की।
परंपराएँ:
- बहनें भाइयों को तिलक करती हैं,
मिठाई खिलाती हैं और उपहार देती हैं।
- भाई बहनों को उपहार देते हैं और
उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
सांस्कृतिक
संदेश:
भाई दूज पारिवारिक प्रेम, स्नेह और रिश्तों की मिठास को बढ़ावा देता है।
✨ निष्कर्ष
दीपावली
का यह पाँच दिवसीय पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक
एकता, पारिवारिक प्रेम, साफ-सफाई, सजावट, और सकारात्मक ऊर्जा का उत्सव है। यह पर्व
हमें सिखाता है कि जीवन में अंधकार चाहे जितना भी हो, एक छोटा दीपक भी उसे दूर कर सकता
है।
आप सभी को
दीपों के इस पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ!
शुभ दीपावली!