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Sunday, September 26, 2010

कॉरपोरेट जीवन में प्रगति के गुर

जब कॅरियर की बात आती है तो हर कोई अपनी भूमिका और जवाबदेही के लिहाज से आगे बढ़ना चाहता है। शिखर पर पहुंचने की राह कठिन जरूर है, लेकिन सही तौर-तरीके और कार्य संस्कृति को अपनाकर तेजी से इस दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं। यहां कुछ ऐसी बातें पेश हैं, जिनके जरिए आप अपने सहकर्मियों व वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित कर सकते हैं।

मल्टीटास्किंग : आज के जटिल माहौल में मल्टीटास्किंग की उपयोगिता को नकारना मुश्किल है। बस ध्यान देने वाली बात यह है कि हर काम को सही तरह से और प्राथमिकतानुसार अंजाम दिया जाए। आपका लक्ष्य कम से कम करके रुक जाना नहीं होना चाहिए। अतिरिक्त कार्यभार तो लें, लेकिन यह भी ख्याल रहे कि इससे आपकी मौजूदा जिम्मेदारियां प्रभावित न हों।

नकारात्मकता से दूर : क्रोध, शिकायतें, इल्जाम लगाना, बुरा-भला कहने की आदत आपकी निर्णय क्षमता को प्रभावित करते हुए आपके काम पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। अपने सहकर्मियों का दोष निकालने से कोई फायदा नहीं होता। चुप रहें और अपने काम से काम रखें।

नेटवर्क बनाएं: नेटवर्क बनाना आज का मंत्र है। खुद को नेटवर्क में जरूर रखें। इसके लिए ऑफिस की मीटिंग, सहकर्मियों से बातचीत, दूसरी क्रियाओं और टीम लीडर्स के साथ सतत संपर्क बनाए रखें। अपने सहकर्मियों की लिस्ट को सिर्फ उसी फ्लोर तक सीमित न रखें, जहां आप बैठते हों। इस दायरे को आगे बढ़ाएं। यह काम वर्कशॉप और कांफ्रेंस के जरिए संभव है।

योग्यताएं बढ़ाएं : अपने मौजूदा काम के अलावा दूसरी योग्यताओं को हासिल करने की कोशिश करें, जिससे आगे जिम्मेदारियों का निर्वाह करने में मदद मिलेगी। ऐसी योग्यताओं को जानें और अध्ययन करें, जिन्हें हासिल करना कॅरियर के लिहाज से उचित है। इसके लिए लघु या अल्पकालिक कोर्स कर सकते हैं।

नियोजन : किसी भी काम को सफल व प्रभावी बनाने की मूल कड़ी है योजना बनाना। कोई नया काम, प्रोजेक्ट या पद मिलने पर एक निर्धारित समय के लिए एजेंडा तैयार कर लें। लाभ बढ़ाने, घाटा कम करने और प्रतियोगिता में बने रहने के नए-नए तरीके सोचें। इससे प्रमोशन के समय आप औरों से अलग खड़े नजर आएंगे।

साभार : दैनिक भास्कर  


1 comment:

गजेन्द्र सिंह said...

बहुत सुन्दर और ज्ञानवर्धक जानकारी दी है आपने ........ आभार

पढ़िए और मुस्कुराइए :-
आप ही बताये कैसे पार की जाये नदी ?

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