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Thursday, December 10, 2009

पतियों के लिए सुखी जीवन के मंत्र


1)
पत्नी बहुत बोलती हो तो? पढ़ने की आदत डालें।
2)
पत्नी यदि सुबह की चाय नियमित नहीं बनाती हो तो? चाय बनाना सीख लें।
3)
रोज रोज की मगजमारी कर के पूरी तनख्वाह पत्नी के हाथ में दे देनी चाहिए। हाँ अपना खर्चा काट के।
4)
बच्चों के स्कूल की डायरी बच्चों की माँ को ही पढ़ने दें।
5)
मकान-मालिक से कब क्या कहना है, पत्नी को स्वयं कहने दें।
6)
दफ्तर पहुँचने के बाद शाम लौटने से पहले घर फ़ोन ना करें।
7)
बच्चों को डाँटे नहीं उसकी माँ से शिकायत करें।
8)
उसकी सहूलियत के सामान जैसे कि वाशिंग मशीन, फ्रीज, वैक्यूम क्लीनर जरूर खरीद दें। टीवी होना चाहिए (आप ही के काम आएगा)

 

 

और जिंदगी के रोज के अनथक संघर्ष के बीच कभी-कभी बेमानी-सा कुछ भी अच्छा लगने लगता है, लेकिन उन कुछ भी कहे जाने वाले लम्हों में जिंदगी के बेशकीमती 'मायने' निहित होते हैं यह हमें बहुत बाद में समझ आता है। जैसे पढ़‍िए :

हाँ कुछ अच्छा भी हुआ था आज
मैंने बिटिया को स्कूल छोरा(छोड़ा)
और बेटे के साथ की थोरी(थोड़ी) मस्ती
दफ्तर को निकलने से पहले बीवी को क्या(किया) प्यार
बहुत अच्छा लगा ये सब बहुत दिनों के बाद।


लिखना मेरा शौक है, ही मेरा पेशा। यह तो बस समय के गिरते टुकड़े हैं जो चुन लिया करता हूँ। साथ ही सम्मिलित हैं कुछ जानकारियाँ जो किसी किसी के काम सकती है।

 आशा है आपको कुछ पसंद आएगा।


 

 

 

 

 

   

 

 

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