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Friday, November 6, 2009

शवासन और अदबासन: तनाव दूर करने में कारगर

 

शवासन
के तनाव भरे माहौल में शवासन का हमारे दिनचर्या में विशेष महत्व है। शवासन को नियमित करने से तनाव दूर होता है, हमारे मस्तिष्क को जब आराम नहीं मिलता तो वह तनाव से घिर जाता है। ऐसी हालात में नींद आने की समस्या आम हो जाती है।
शवासन करने से इस समस्या से तुरंत आराम मिलता है। इस आसन को करने से उच्च रक्तचाप सामान्य रहता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे दिमाग पर भी बोझ बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए हमें कुछ पल निकालकर शवासन और अदबासन जैसे विश्रात्मक आसन का अभ्यास करना चाहिए। शवासन और अदबासन करने से हम शारीरिक और मानसिक थकान को दूर भगा सकते हैं। आवश्यकता है आपके अपने दिनचर्या में इसे शामिल करने की। योगासन करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान देना आवश्यक है। पहली है मानसिक सजगता, दूसरी सांस का ध्यान और तीसरी है आप अपने पूरे मनोयोग से योगासन करें और महसूस करे कि आपका मन भी इस प्रक्रिया में सम्मिलित है। शरीर में किसी प्रकार का तनाव रखें। अगर आप योग का सहारा लेना चाहते हैं तो शवासन और अदबासन के अभ्यास से आप तनावरहित हो जाएंगे। आपका मस्तिष्क भी शांत हो जाएगा। इससे आपके शरीर में नए स्फूर्ति का संचार होगा।
शवासन करने की प्रक्रिया
पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों में डेढ़ फुट का अंतर रखें। दोनों हाथों को शरीर से 15 सेमी की दूरी पर रखें। हथेली का रुख ऊपर की ओर होगा। सिर को सहारा देने के लिए तौलिया या किसी कपड़े को दोहरा कर सिर के नीचे रख सकते हैं। इस दौरान यह ध्यान रखें कि सिर सीधा रहे। शरीर को तनावरहित करने के लिए अपनी कमर और कंधों को व्यवस्थित कर लें। शरीर के सभी अंगों को ढीला छोड़ दें। आंखों को कोमलता से बंद कर लें। शवासन करने के दौरान किसी भी अंग को हिलाना-डुलाना नहीं है। आप अपनी सजगता को सांस की ओर लगाएं और उसे ज्यादा से ज्यादा  लयबध्द करने का प्रयास करें। गहरी सांसें भरें और सांस छोड़ते हुए ऐसा महसूस करें कि पूरा शरीर शिथिल होता जा रहा है। शरीर के सभी अंग शांत हो गए हैं।
कुछ देर सांस की सजगता को बनाए रखें, आंखें बंद ही रखें और भू-मध्य में एक योति का प्रकाश देखने का प्रयास करें। अगर कोई विचार मन में आए तो उसे साक्षी भाव से देखें, उससे जुड़िए नहीं, उसे देखते जाएं और उसे जाने दें। कुछ ही पल में आप मानसिक रूप से भी शांत और तनावरहित हो जाएंगे। आंखे बंद रखते हुए इसी अवस्था में आप 10 से 1 तक उल्टी गिनती गिनें। उदाहरण के तौर पर मैं सांस ले रहा हूं 10, मैं सांस छोड़ रहा हूं 10, मैं सांस ले रहा हूं 9, मैं सांस छोड़ रहा हूं 9 इस प्रकार शून्य तक गिनती को मन ही मन गिनें। अगर आपका मन भटक जाए और आप गिनती भूल जाएं तो दोबारा उल्टी गिनती शुरू करें।  सांस की सजगता के साथ गिनती करने से आपका मन थोड़ी देर में शांत हो जाएगा।
शवासन करने का समय
योग की पाठशाला में आप 1 या 2 मिनट तक शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। अलग से समय निकाल पाए तो 20 मिनट तक शवासन अभ्यास नियमित करना चाहिए। खासकर थक जाने के बाद या सोने से पहले।
सावधानियां
शवासन के दौरान किसी भी अंग को हिलाएं नहीं। सजगता से मन को  सांस की ओर लगाकर रखें। अंत में अपनी चेतना को शरीर के प्रति लेकर आएं। दोनों पैरों को मिलाइए, दोनों हथेलियों को आपस में रगड़िए और इसकी गर्मी को अपनी आंखों पर धारण करें। इसके बाद हाथ सीधे कर लें और आंखे खोल लें।
लाभ
शवासन एक मात्र ऐसा आसन है, जिसे हर वर्ग और उम्र के लोग कर सकते हैं। यह सरल भी है। पूरी सजगता के साथ किया जाए तो तनाव दूर होता है, उच्च रक्तचाप सामान्य होता है, अनिद्रा को दूर किया जा सकता है। शरीर जब शिथिल होता है, मन शांत हो जाता है तो आप अपनी चेतना के प्रति सजग हो जाते हैं। इस प्रकार आप अपनी प्राण ऊर्जा को फिर से स्थापित कर पाते हैं। इससे आपके शरीर तरोताजा हो जाता है।
अदबासन
जिस प्रकार मंदिरों में प्रभु के दरबार में दंडवत प्रणाम करते हैं, उसी प्रकार अदबासन करने के लिए हम पेट के बल लेटते हैं, माथा जमीन से स्पर्श करते हैं और दोनों हाथों को सिर से आगे की ओर फैलाकर रखते हैं। इस दौरान हथेली जमीन की ओर होना चाहिए। अदबासन शरीर के सभी अंगों में शिथिलता लाता है। यह मन को शांत और तनावरहित करने में भी है सहायक है। सांस को सामान्य रखें। लयबध्द तरीके से सांस लें। पेट को फुलाएं और सांस छोड़ते हुए पेट को पिचकाएं अदबासन को आप 1-2 मिनट या जब तक आपको आराम मिले अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
विशेष बात
आप उल्टी गिनती का अभ्यास सांस की सजगता के साथ कर सकते हैं। अपनी चेतना को सांस के साथ लगाकर रखे। शरीर के सभी अंगों को बारी-बारी से शिथिल करते जाएं। मन में ऐसी धारणा बनाएं और अपना ध्यान मध्य में लगाकर रखें।
लाभ
जिन्हें गले के पिछले हिस्से में दर्द या तनाव रहता है या स्लिप डिस्क की समस्या है, ऐसे लोग अगर अदबासन करें तो उन्हें आराम मिलेगा।
इस आसन में लोग आराम भी कर सकते हैं। यह शरीर के सभी अंगों में शिथिलता लाता है. अदबासन मन को शांत और तनावरहित करने में भी है सहायक।

 

 

 

 

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