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Wednesday, November 4, 2009

रिफ्रैश हो सकते हैं।

 

 

तमाम तनावों और परेशानियों, तमाम तरह के दबावों और अपेक्षाओं को कुछ देर के लिए भुला दिया जाए। पूरी तरह से। और पूरे दिन में कभी ऐसा वक्त निकाला जाए जिसमें सिर्फ अपने साथ रहा जा सके। सब कुछ भुला कर सिर्फ अपने में डूब जाना। इसके कुछ तरीके हो सकते हैं। इन्हें आजमा कर आप कूल रह सकते हैं। रिलेक्स महसूस कर सकते हैं और रिफ्रैश हो सकते हैं।

1.
मनपसंद म्यूजिक सुनें । आप एआर रहमान को पसंद करते हैं या माइकल जैक्सन को। आप पंडित शिवकुमार शर्मा को पसंद करते हैं या नुसरत फतेह अली खान को। या फिर कोई इंस्ट्रूमेंटल एलबम। मधुर धुनों और बोलों में कुछ देर के लिए सब कुछ भुला दें।

2.
कोई मनपसंद किताब पढ़ सकते हैं। यह फिक्शनहो या नॉन फिक्शन। पोएट्री हो या जोक्स। या फिर इंस्पीरेशनल और मोटिवेशनल किताब ही क्यों न हो।

3.
अपना मनपसंद टीवी सीरियल देखें, जिसे आप एन्जॉय करते हों। रब ने बना दी जोड़ी या मिले जब हम तुम। कभी-कभी कार्टून चैनल्स भी देखे जा सकते हैं। हो सकता है मिकी एंड डोनाल्ड की शरारतभरी हरकतें आपके चेहरे पर मुस्कराहट ला दें और आपका तनाव मिनटों में दूर कर दें।

4.
इन दिनों कई म्यूजिक चैनल्स चौबीसों घंटे कुछ न कुछ सुनाते रहते हैं। इन पर आप कुछ गाने-देख सुन सकते हैं। कुछ गानों के रीमिक्स खासे लोकप्रिय हुए हैं। एमटीवी और वीएच-वन जैसे चैनल्स पर आप वेस्टर्न म्यूजिक का मजा भी ले सकते हैं और हिप-हॉप डांस का भी।

5.
यदि आपको पेंटिंग या स्केचिंग में रुचि है तो सादे कागज पर रंग लगाएँ, अपनी कल्पना को आकार दें। कोई जरूरी नहीं कि आप आर्ट के बारे में जानते हैं कि नहीं। कई बार रंगों से खेलना ही तनाव सोख लेता है।

6.
यदि आप कविताएँ लिखते हैं, डायरी लिखते हैं तो उसके लिए समय निकालें। जो भी आपके साथ हुआ, चाहे अच्छा या बुरा, उसे लिख लें। वह किसी भी माध्यम में हो सकता है। कविता, लघुकहानी, डायरी या बस यूँ ही टूटे-फूटे शब्दों में अपनी कोई बात। इससे न केवल मन हलका होगा बल्कि राहत भी महसूस करेंगे।

7.
कभी शाम को यूँ ही अकेले टहलें। हवा को महसूस करें, ठंडी फुहारों को महसूस करें। शाम को जब मौसम खुला हो और आसमान में तारें हों तो उन्हें निहारें। प्रकृति का साथ भी राहत और सुकून देता है। अपनी खिड़की से सूर्यास्त देखें, पंछियों का घर लौटना देखें। उनकी आवाजें सुनें। ये छोटी-छोटी बातें कई बार जादुई असर करती हैं।

8.
परिवार के साथ गप्पे लड़ाएँ, हँसी-मजाक करें। कितने दिनों से आपने अपने पेरेंट्स के साथ दो पल बैठकर बातें नहीं की होंगी। थोड़ा उनके साथ बैठें।

 

 

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