Thursday, March 31, 2016

बाँटता है।



कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है।
जिसके पास जो होता वो वही बाँटता है।
अँधेरों में जीना भी कोई जीना है दोस्त,
उसका जीना जीना जो रोशनी बाँटता है।
किसी की कभी भी जान ले सकता है दुष्ट,
पर सज्जन हमेशा ही जिन्दगी बाँटता है।
किसी को रुलादे ऐसा गम किस काम का,
उसको सराहो जो सब को हँसी बाँटता है।
बुझदिल लोग जिया करते हैं उदासियों में,
दिलदार वही जो सबको ताजगी बाँटता है।

Thursday, March 17, 2016

आदमी बदलते देखा है

कौन कहता है अपनी किस्मत अपने हाथ नहीं
मैंने कर्मों की क़लम से खींची किस्मत रेखा है
आपने आदमी के पल-पल बदलते देखे होंगे
मैंने यहाँ पल-पल, आदमी बदलते देखा है

Thursday, March 10, 2016

साईं का ध्यान

मिलके करलो खुलके करलो साईं का गुनगान
साईं का गुनगान करेगा हम सब का कल्याण

सुबह शाम साईं की आरती उतार लो
साईं की भक्ति से ख़ुद को संवार लो
मानो कहना नहीं तो वरना रहेंगे भटकते प्राण

सच्चे मन से जो साईं दरबार में आया
जो भी कामना की है उसने वो पाया
साईं कृपा से हो जाते हैं निर्धन भी धनवान

भक्तों की सुनते सदा मन की पुकार साईं
झोलियों में भरते सदा अपना प्यार साईं
हर सुख का दाता है जग में साईं का ध्यान

Thursday, March 3, 2016

काम से काम

हमें अपने काम से काम, अपने मतलब से मतलब कहने मात्र से काम नहीं चल सकता।
ऐसा करने से बुरों का विरोध न हो सकेगा और वे मनमानी करके अपनी दुष्टता बढाते हुए दूसरे लोगों
के लिए दिन-दिन अधिक भयंकर होते चलेंगे। उसी प्रकार सज्जनों के कार्यों में प्रोत्साहन या सहयोग न
दिया जाय तो वे भी निराश होकर चुप बैठे रहेंगे और उनके कार्यों से अनेकों को जो लाभ हो सकते थे वे न हो सकेंगे।
                                                                                                                पं. श्रीराम शर्मा आचार्य