मिलके करलो खुलके करलो साईं का गुनगान
साईं का गुनगान करेगा हम सब का कल्याण
सुबह शाम साईं की आरती उतार लो
साईं की भक्ति से ख़ुद को संवार लो
मानो कहना नहीं तो वरना रहेंगे भटकते प्राण
सच्चे मन से जो साईं दरबार में आया
जो भी कामना की है उसने वो पाया
साईं कृपा से हो जाते हैं निर्धन भी धनवान
भक्तों की सुनते सदा मन की पुकार साईं
झोलियों में भरते सदा अपना प्यार साईं
हर सुख का दाता है जग में साईं का ध्यान
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