अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता और जीवन-कर्म के बीच की दूरी को निरंतर कम करने की कोशिश का संघर्ष....
जिनने बोया हे धरती में बम बारूदी असलों को। निर्ममता से जिन्होंने कुचला फूलों की फसलों को। मासूमों के खून से जिनने खून की होली खेली हे करदो नेस्तनाबूत धरा से इन आतंकी नस्लों को।
No comments:
Post a Comment