लीक से हटकर चलने की कोशिश भी करते है
थोडा बहुत भीड़ में पहचान हम भी रखते है
ज़माने से कह दो संभलकर उगलियाँ उठाये
अपनी जुबान में तलवार हम भी रखते है
सोचते है जाने से पहले लोगो की सोच बदल जाये
जिंदगी के किस्तों का हिसाब हम भी रखते है
हम वो नही जो वक्त के साथ,अपने रिश्ते,बदल जाये
दिल से रिश्तो को निभाने का रिवाज हम भी रखते है
जो बेवफा है हो सकता है वो किसी और के हो जाये
अंजन है, आँखों में बसने का ख्याल हम भी रखते है
अंजन ..... कुछ दिल से
Login : http://tiny.cc/0hrgbw
4 comments:
wah wah ..
subhan allaah
आके होसला अफजाई के लिए धन्यवाद !
शुक्रियाँ दोस्त !
Post a Comment