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Tuesday, March 25, 2025

गर्मी के दिन और नानी-दादी का घर

 गर्मी के दिन आते ही हमें अपने बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं, खासकर जब हम नानी-दादी के घर जाते थे। नानी-दादी का घर हमेशा से ही हमारे लिए एक खास जगह रहा है, जहां हमें ढेर सारा प्यार और देखभाल मिलती थी। आइए जानते हैं गर्मी के दिनों में नानी-दादी के घर की कुछ खास बातें:

1. ठंडी छांव और बगीचा:

नानी-दादी के घर का बगीचा हमेशा से ही हमारी पसंदीदा जगह होती थी। वहां के पेड़-पौधे और ठंडी छांव में बैठकर हम घंटों खेलते थे। आम, जामुन, और लीची जैसे फलों के पेड़ हमें गर्मी में ठंडक का अहसास कराते थे।

2. ताजगी भरे पेय:

गर्मी के दिनों में नानी-दादी हमें ताजगी भरे पेय पिलाती थीं। घर का बना आम पना, बेल का शरबत, और ठंडा छाछ पीकर हमें बहुत सुकून मिलता था। ये पेय केवल स्वादिष्ट होते थे, बल्कि हमें हाइड्रेटेड भी रखते थे।

3. मिट्टी के घड़े का पानी:

नानी-दादी के घर में मिट्टी के घड़े का पानी पीने का मजा ही कुछ और था। यह पानी ठंडा और ताजगी भरा होता था, जो हमें गर्मी से राहत दिलाता था। घड़े का पानी पीकर हमें हमेशा ताजगी का अहसास होता था।

4. खेल और मस्ती:

गर्मी की छुट्टियों में नानी-दादी के घर पर हम अपने भाई-बहनों के साथ ढेर सारे खेल खेलते थे। लुका-छिपी, पिट्ठू, और गिल्ली-डंडा जैसे खेल हमें बहुत पसंद थे। इन खेलों के दौरान हमें नानी-दादी की कहानियां भी सुनने को मिलती थीं।

5. स्वादिष्ट खाना:

नानी-दादी के हाथ का बना खाना हमेशा से ही खास होता था। गर्मी के दिनों में वे हमें खीरा, ककड़ी, और तरबूज जैसे ताजे फल खिलाती थीं। साथ ही, उनके हाथ की बनी खीर, पूड़ी, और अचार का स्वाद हमें आज भी याद है।

6. प्यार और देखभाल:

नानी-दादी का घर हमेशा से ही प्यार और देखभाल से भरा होता था। उनकी ममता और स्नेह हमें हर मुश्किल से बचाते थे। गर्मी के दिनों में उनकी देखभाल और प्यार हमें हमेशा याद रहेगा।

गर्मी के दिन और नानी-दादी का घर हमारे जीवन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक हैं। ये यादें हमें हमेशा खुशियों से भर देती हैं और हमें अपने परिवार के महत्व का एहसास कराती हैं।

 

पसंदीदा बचपन के खेल:

  • लुका-छिपी: यह खेल हमें बहुत पसंद था। हम सब मिलकर घर के कोनों में छिपते थे और एक-दूसरे को ढूंढते थे।
  • पिट्ठू: इस खेल में हम पत्थरों की एक ढेर बनाते थे और उसे गेंद से गिराने की कोशिश करते थे।
  • गिल्ली-डंडा: यह खेल हमारे बचपन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। हम गिल्ली को डंडे से मारकर दूर फेंकते थे और उसे पकड़ने की कोशिश करते थे।
  • कंचे: कंचे खेलना भी हमारे बचपन का एक मजेदार खेल था। हम कंचों को निशाना बनाकर खेलते थे और जीतने की कोशिश करते थे।
  • सांप-सीढ़ी: यह खेल हमें बहुत पसंद था। हम सब मिलकर सांप-सीढ़ी का खेल खेलते थे और एक-दूसरे से आगे बढ़ने की कोशिश करते थे।

गर्मी के दिन और नानी-दादी का घर हमारे जीवन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक हैं। ये यादें हमें हमेशा खुशियों से भर देती हैं और हमें अपने परिवार के महत्व का एहसास कराती हैं।


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