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Monday, May 7, 2012

दिल से लिखा,दिल को छूने वाला, काव्य संग्रह

दोस्तों सबसे नाप-तोल कर बोलिए,बात बहुत लगती है ,
अंजन को हमेशा प्यार से रखिये, नजर नही लगती है  |
अंजन काजल का समानार्थी शब्द है ! इसी शब्द पर आधारित है
 दिल से लिखा,दिल को छूने वाला,  काव्य संग्रह
'अंजन  कुछ दिल से….
काव्य का सबसे बड़ा हुनर होता है कम लफ़्ज़ों में बात कहना और वो भी इस तरह के पढने सुनने वाले के सीधे दिल पर असर करे, इसकी रचनाओ में बिना भारी बोझिल शब्दों का सहारा लिए मन की बात कही गई है
लोग आये,लोग गए,फासला हमेशा बना रहा
 ज्यादा देर ,किसी में प्रेम का अंजन कहां रहा 
कम लफ्जों में असर पैदा करने का प्रयास
पहले बड़ा भाई जाता है,फिर छोटा जाता है
गाव उदास हुआ, जब कोई हैदराबाद जाता है
इस छोटी सी किताब में कुल 30 पृष्ठ हैं लेकिन लगता है जैसे ज़ज्बात का कोई खजाना छुपा हुआ है. Pothi.com द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का मूल्य है 135 रु , पुस्तक प्राप्त करने के लिए  आप pothi.com कि link   http://tiny.cc/0hrgbw से,  या   vivekanjan@gmail.com पर पत्र व्यवहार द्वारा भी प्राप्त कर सकते हैं.  या  आप चाहें तो  लेखक से  9424351452   फोन नंबर पर संपर्क कर इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं. इस पुस्तक की उपस्तिथि किसी भी काव्य प्रेमी द्वारा किए गए पुस्तक संकलन में चार चाँद ही लगायेगी.
सोने की खातिर , जो घर छोड़ गए वापस नही आये
पढाया तो बहुत पर,संस्कार की कुछ कमी बाकी रही
जिस सपोले को पिलाया था ढूध, किसी बच्चे की तरह
अंजन को जब उसने डसा , उसकी कातिल हसी बाकी रही
चलते चलते
अपने हुनर पे यकी रख,हमने हाथो की लकीरों को बदलते देखा है
                               अंजन जज्बे से आंगे बढ़हमने फकीरों को सिकंदर बनते देखा है

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