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Tuesday, September 7, 2010

अच्छे मनुष्य के लषण


(1) विस्तृत ज़हन एवं खुले विचार का मालिकः
एक इश्वर पर विश्वास रखने वाला तंग नज़र नही होसकता है बल्कि वह विस्तृत ज़हन और खुले विचार का मालिक होगा। वह सब को अपनी ही तरह एक ही मालिक की मिल्कीयत और एक ही राजा की प्रजा समझता है। उस की मोहब्बत,हमदर्दी और सेवा सब के लिए एक जैसा होता है।
(2) खुद्दारी और आदर-सम्मान का एहसासः
एक इश्वर को मान्ने वाले व्यक्ति बहुत खुददार,अपनी इज़्ज़त और सम्मान का एहसास करने वाला होगा। वह जानता है कि सर्व शक्तिमान केवल एक खुदा है , लाभ या हाणी उसी के हाथ में है,मारने या जिन्दह रखने वाला वही एक ज़ात है। यह ज्ञान उसे एक ऐसी शक्ति प्राप्त करती है जो उसे निडर बेखैफ बना देती है। उस की गर्दन दुन्या के किसी चीज़ के समक्ष नही झुकती , अपना हाथ किसी के सामने नही फैलाता बल्कि वह केवल एक इश्वर से ही सारी मुराद और सारी फरयाद करता है।
(3) संकटों में निराश नही होता बल्कि बहादुरी से मुकाबला करता है।
एक इश्वर पर आस्था रखने वाला जीवन के बुरे समय में कभी निराश नही होता और न ही उस का हृदय टुटता है। वह उस खुदा पर विश्वास करता है जो बहुत दयालु तथा बड़ा कृपा करने वाला है। यह ईमान उसे बहुत बड़ी संतुष्ठी प्राप्त करती है। यह ईमान उस के दिल को आशओं से भर देता है, यदापि वह संसार के सारे दरवाज़े से ठुकरा दिया गया हो। तमाम कारण खत्म होचुके हों। किसी का कोई सहायता प्राप्त होने की उमीद न हो। प्रन्तु उसके दिल में एक सहारा बाक़ी रहता है और यह एक इश्वर का सहारा रहता है। इश्वर से प्राथना करते हुऐ इन संकटो से बाहर निकलने की अच्छी तदबीर करता है। फिर उस पर से सारी संकट तथा परिशानी खत्म होजाती है।
(4) बहादुर और निडर होना
एक इश्वर पर ईमान लाने वाला व्यक्ति बहादुर होता है। वह किसी चीज़ से नही डरता, वह जानता है कि मृत्यु देने वाला और जिन्दह रखने वाला अल्लाह ही है। लाभ या हानी पहुँचान केवल अल्लाह के हाथ में है। बाल-बच्चे , प्राण और धन –दौलत का प्रेम उसे इश्वर का काम करने में रुकावट नही डालता बल्कि वह बेखैफ होकर अल्लाह के आज्ञा का पालन करता है।

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