Pages

Sunday, March 21, 2010

प्यार-प्यार सा मिल जाना।

हल्के-हल्के हाथों से तुम्हारा
हल्का-हल्का वो सहलाना ,

बहके-बहके मौसम में हमारा
बहका-बहका बँध जाना,

ठंडे-ठंडे अहसासों से तुम्हारा
ठंडा-ठंडा वो जादू ,

भीगी-भीगी बातों में मेरा
भीगा-भीगा अफसाना,

प्यारे-प्यारे जज्बातों में तुम्हारा
प्यारा-प्यारा खिल जाना।

ख्वाब-ख्वाब चाँदनी में तुम्हारा
ख्वाब-ख्वाब हो जाना।

रात-रात तनहाई में हमारा
रात-रात भर ना सोना।

कली-कली की महक में मेरा
कली-कली सा ‍बिखर जाना।

प्यार-प्यार के प्यार में हमारा
प्यार-प्यार सा मिल जाना।

No comments:

Post a Comment