दीपावली,
जिसे हम प्यार से
दीवाली भी कहते हैं,
भारत का सबसे प्रमुख
और उल्लासपूर्ण त्योहार है। यह केवल
एक पर्व नहीं, बल्कि
संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता का संगम है। वर्ष 2025 में
दीपावली का पर्व 29 अक्टूबर (बुधवार)
को मनाया जाएगा।
🔸 दीपावली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
दीपावली
का संबंध भगवान श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के
बाद अयोध्या लौटने से है। अयोध्यावासियों
ने उनके स्वागत में
दीप जलाए थे, और
तभी से यह परंपरा
चली आ रही है।
इसके अलावा, यह दिन माँ
लक्ष्मी के समुद्र मंथन
से प्रकट होने और भगवान
विष्णु से विवाह का
भी प्रतीक है।
🔸 दीपावली 2025 का पंचांग अनुसार विवरण
दिनांक |
पर्व |
विवरण |
27 अक्टूबर |
धनतेरस |
स्वास्थ्य
और समृद्धि का दिन, नए
बर्तन और धातु खरीदने
की परंपरा |
28 अक्टूबर |
रूप
चौदस / नरक चतुर्दशी |
सौंदर्य,
आत्मशुद्धि और बुराई पर
अच्छाई की विजय |
29 अक्टूबर |
मुख्य
दीपावली |
माँ
लक्ष्मी पूजन, दीपदान, मिठाइयाँ और पटाखे |
30 अक्टूबर |
गोवर्धन
पूजा |
भगवान
श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति |
31 अक्टूबर |
भाई
दूज |
भाई-बहन के प्रेम का
पर्व |
🔸 दीपावली की परंपराएं
- घर की सफाई और सजावट: दीपावली से पहले घरों की सफाई और रंगाई-पुताई की जाती है ताकि माँ लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके।
- दीप जलाना: दीपक अंधकार को दूर कर ज्ञान और आशा का प्रतीक बनते हैं।
- लक्ष्मी पूजन: मुख्य दिन पर माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है।
- मिठाइयाँ और उपहार: रिश्तों में मिठास घोलने के लिए मिठाइयाँ और उपहारों का आदान-प्रदान होता है।
- पटाखे: बच्चों और युवाओं के लिए दीपावली का आकर्षण, हालांकि अब पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है।
🔸 दीपावली 2025: एक नई सोच
इस वर्ष की दीपावली
को हम हरित और सुरक्षित दीपावली के रूप में
मना सकते हैं:
- पर्यावरण के अनुकूल दीये और सजावट का उपयोग करें।
- कम ध्वनि और धुएं वाले पटाखे चुनें या पूरी तरह से प्राकृतिक दीपावली मनाएं।
- जरूरतमंदों के साथ खुशियाँ बाँटें — पुराने कपड़े, मिठाइयाँ या समय।
🔸 समापन
दीपावली
केवल एक पर्व नहीं,
बल्कि आत्मा की रोशनी को जगाने का अवसर है। यह हमें
सिखाती है कि अंधकार
चाहे जितना भी गहरा हो,
एक छोटा सा दीपक
भी उसे दूर कर
सकता है।
आप सभी को दीपावली 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
प्रेम, प्रकाश और समृद्धि आपके जीवन में सदैव बनी रहे। 🪔🌼