Monday, September 29, 2025

🌸✨ शब्द शिल्पी प्रकाशन प्रस्तुत करता है… एक साहित्यिक यात्रा: 'अभिव्यक्ति' ✨🌸

 

📖 'अभिव्यक्ति' (अंजन की संवेदनाएं) – जहाँ भावनाएँ शब्द पाती हैं!

हम, शब्द शिल्पी प्रकाशन, अत्यंत उत्साह के साथ अपनी नवीनतम साहित्यिक कृति की घोषणा करते हैं—'अभिव्यक्ति' (अंजन की संवेदनाएं)! यह केवल एक पुस्तक नहीं है, बल्कि हृदय की गहराइयों से निकली भावनाओं और विचारों का एक ऐसा संगम है जो सीधे आपकी आत्मा को छू जाएगा।

✍ लेखक: विवेक अंजन श्रीवास्तव

इस संग्रह के पीछे हैं विवेक अंजन श्रीवास्तव, जिनकी कलम संवेदनाओं को एक नया आयाम देती है। 'अभिव्यक्ति' उनके अनुभवों, अवलोकनों और गहन भावनाओं का दर्पण है, जिसे उन्होंने कविता और गीतों के रूप में पिरोया है। अंजन की संवेदनाएं—जैसा कि शीर्षक बताता है—आपको एक ऐसे आंतरिक संसार की सैर कराएंगी जहाँ हर शब्द एक कहानी कहता है और हर छंद एक नया विचार जगाता है।

🎶 कविताओं और गीतों का मधुर संगम

'अभिव्यक्ति' की सबसे बड़ी विशेषता है इसका अनोखा मिश्रण। पाठक इसमें न केवल जीवन के विभिन्न रंगों को दर्शाती कविताएँ पाएंगे, बल्कि गुनगुनाने लायक मधुर गीतों का भी आनंद ले सकेंगे।

  • कविताएँ: जीवन के दर्शन, सामाजिक सरोकार, प्रेम, विरह, और प्रकृति के सौंदर्य पर गहन विचार।

  • गीत: ऐसे छंद जो संगीत की धुन पर थिरकने को तैयार हैं—सरल, प्रवाहमय और मन को शांति प्रदान करने वाले।

यह संगम सुनिश्चित करता है कि पुस्तक साहित्य के हर प्रेमी के लिए कुछ न कुछ ख़ास प्रस्तुत करे, चाहे आप गहन चिंतन पसंद करते हों या हल्की-फुल्की गुनगुनाहट।


💫 साहित्य और काव्य का अनोखा संगम, सिर्फ़ आपके लिए!

आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, 'अभिव्यक्ति' ठहरकर महसूस करने का एक निमंत्रण है। यह आपको अपने अंदर झाँकने, अपनी भावनाओं को समझने और संसार को एक कवि की दृष्टि से देखने का अवसर देती है। विवेक अंजन श्रीवास्तव ने अपनी लेखनी से एक ऐसा पुल बनाया है जो लेखक के हृदय को पाठक के हृदय से जोड़ता है।

यह संग्रह उन सभी पाठकों के लिए एक उपहार है जो मानते हैं कि शब्दों में जादुई शक्ति होती है—वे आपको रुला सकते हैं, हँसा सकते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, आपको प्रेरित कर सकते हैं।

⏳ जल्द ही आपके पास…

हम जानते हैं कि आप इस साहित्यिक कृति का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। 'अभिव्यक्ति' (अंजन की संवेदनाएं) जल्द ही आपके हाथों में होगी।

अधिक जानकारी, प्री-ऑर्डर लिंक्स और लॉन्च की तारीख के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स और हमारी वेबसाइट पर अपनी नज़र बनाए रखें!

Contact whatsapp: anil ayan- 9479411407

Tuesday, September 23, 2025

🎶 साहित्य के बाद संगीत में मेरा पहला क़दम 🎶

 नमस्कार दोस्तों,

आप सभी जानते हैं कि साहित्य और लेखन मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं। मैंने शब्दों के साथ खेलना और भावनाओं को कागज़ पर उतारना हमेशा से पसंद किया है। लेकिन, मेरे दिल के किसी कोने में संगीत की एक धीमी-सी धुन हमेशा बजती रहती थी। और आज, मैं बहुत ख़ुश और उत्साहित हूँ कि मैं उस धुन को आप सभी के सामने लेकर आ रहा हूँ।

साहित्य की दुनिया से संगीत की इस नई यात्रा का पहला पड़ाव, मेरा पहला संगीत एल्बम जय वीणापाणि, जय माँ शारदे॥ आज YouTube पर उपलब्ध है। यह एल्बम सरस्वती माँ, ज्ञान और कला की देवी को समर्पित है, जिनकी कृपा से ही मैं यह नया क़दम उठा पाया हूँ।

यह सिर्फ़ एक एल्बम नहीं है, बल्कि मेरे सपनों का साकार होना है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में बहुत मेहनत और समर्पण लगा है। इसके बोल, संगीत, और यहाँ तक कि आवाज़ (जो कंप्यूटर-जनरेटेड है) को भी मैंने खुद तैयार किया है। इस एल्बम का पहला गीत, जो कि एक सरस्वती वंदना है, अब आप सुन सकते हैं।


आपका प्यार और समर्थन मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप इस एल्बम को सुनें, अपनी प्रतिक्रिया दें, और अगर आपको यह पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों, परिवार और प्रियजनों के साथ ज़रूर शेयर करें। आपके आशीर्वाद और प्रोत्साहन से ही मेरी यह यात्रा आगे बढ़ पाएगी।

यहाँ एल्बम का पहला गीत है:

👉 https://www.youtube.com/watch?v=ZwKS5HHLChk

आप सभी का धन्यवाद!

🙏 कृपया सुनें, आशीर्वाद दें और अपने प्रियजनों तक पहुँचाएँ। 💐

Sunday, September 21, 2025

हिंद युग्म उत्सव 2025 : रायपुर में सफल समापन

राजधानी रायपुर में 20 और 21 सितंबर को आयोजित हुआ हिंद युग्म उत्सव 2025 साहित्य और संस्कृति का ऐसा महोत्सव साबित हुआ, जिसने पाठकों, लेखकों और कलाकारों को एक ही मंच पर जोड़ दिया। दो दिनों तक पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में देशभर से आए करीब 100 लेखक-साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति से उत्सव को ऐतिहासिक बना दिया।



कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ

1. साहित्यिक संवाद

·       नामचीन लेखकों और नए रचनाकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया।

·       राहगीर, फैजल मलिक (पंचायत फेम), नीलोत्पल मृणाल सहित कई चर्चित नामों ने अपनी मौजूदगी से कार्यक्रम को यादगार बनाया।

·       ओपन माइक "छत्तीसगढ़ : मंच खुला है" में 200 से अधिक नई प्रतिभाओं ने अपनी कविताएँ और कहानियाँ सुनाकर सबका मन मोह लिया।

2. विनोद कुमार शुक्ल पर केंद्रित सत्र

·       इस उत्सव का केंद्र रहे महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल

·       उनके लेखन और जीवन पर आधारित विशेष डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया।

·       उन्हें हाल ही में मिली 30 लाख रुपये की रॉयल्टी को उत्सव के मंच से सम्मानपूर्वक उल्लेखित किया गया, जो हिंदी साहित्य की लोकप्रियता का प्रमाण है।

3. विविध आयोजन

·       कैंपस-कविता कार्यक्रम ने युवाओं की रचनात्मकता को सामने लाया।

·       स्टोरीटेलिंग और लाइव-सिंगिंग से श्रोताओं का मनोरंजन हुआ।

·       बच्चों और बड़ों के लिए टेराकोटा, पेंटिंग, हैंडीक्राफ्ट जैसी कार्यशालाओं का आयोजन हुआ।

·       संगीतमय शाम और स्टैंड-अप कॉमेडी ने साहित्यिक माहौल में हास्य और मनोरंजन का रंग भरा।

·       देशभर के बड़े प्रकाशकों की किताबों की प्रदर्शनियाँ और बिक्री ने पाठकों को नई किताबों से जोड़ने का अवसर दिया।

·       नई किताबों का लोकार्पण और कवर-रिलीज़ भी इस उत्सव की बड़ी विशेषता रही।

4. छत्तीसगढ़ की झलक

·       छत्तीसगढ़ की लोकनृत्य और लोकगायन की प्रस्तुतियाँ बेहद सराही गईं।

·       स्थानीय कलाकारों की पेंटिंग, मूर्तियाँ और क्राफ्ट की प्रदर्शनी ने संस्कृति का जीवंत रूप सामने रखा।

·       फ़ूड स्टॉल और हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट स्टॉल ने दर्शकों को छत्तीसगढ़ की असली खुशबू का अनुभव कराया।

विनोद कुमार शुक्ल पर केंद्रित हिंद युग्म के 4थे सालाना उत्सव का सत्र ‘हिंदी साहित्य का शुक्ल पक्ष : छह महीनों में 30 लाख- हिंदी साहित्य में संभव हुआ असंभव’ अभी पूरा हुआ। इस सत्र में विनोद कुमार शुक्ल के 68 साल से मित्र और हमारे समय के महान कवि नरेश सक्सेना ने एक साहित्यकार को छह महीने में इतनी बड़ी रॉयल्टी मिलने को हिंदी साहित्य के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया। यह रॉयल्टी इसलिए महत्वपूर्ण नहीं कि रक़म बड़ी है, बल्कि इसलिए कि यह असंभव का संभव होना है, क्योंकि यह आंकड़ा यह बताता है कि हिंदी साहित्य में किताब बिकने और पढ़ने का नंबर कितना बड़ा और बढ़ा है। इसी सिलसिले में नरेश सक्सेना ने हिंद युग्म को बधाई देते हुए कहा कि इसे हिंद युग्म प्रकाशन ही मुमकिन कर सका और यह कामयाबी विनोद कुमार शुक्ल ने हिंदी साहित्य को दी है। इस सत्र में विनोद कुमार शुक्ल को छह महीने की रॉयल्टी 30 लाख का चेक दिया गया। यह पल हम सबके लिए और हिंदी साहित्य के लिए एक ऐतिहासिक पल साबित हुआ।

 



उत्सव की सफलता

दो दिनों तक चले इस साहित्यिक महाकुंभ ने यह साबित कर दिया कि हिंदी साहित्य की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

·       दर्शकों की भारी भीड़ और साहित्यकारों का उत्साह इस उत्सव की सफलता का प्रमाण है।

·       न सिर्फ़ रायपुर, बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों से भी साहित्यप्रेमी यहाँ पहुँचे।

·       यह आयोजन नए लेखकों और युवा प्रतिभाओं के लिए एक प्रेरणादायी मंच बना।

 

घुमंतू उत्सव की परंपरा

हिंद युग्म उत्सव देश का एकमात्र घुमंतू साहित्य उत्सव है।

·       इससे पहले इसके तीन संस्करण बाड़मेर, वाराणसी और भोपाल में आयोजित हुए थे।

·       रायपुर में आयोजित चौथा संस्करण सबसे बड़े और विविधतापूर्ण आयोजनों में गिना जाएगा।

·       यह आयोजन अभिकल्प फाउंडेशन एवं संज्ञा पीआर के संयुक्त तत्वावधान में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

4थे हिंद युग्म उत्सव के पहले दिन की इस कड़ी में हिमांशु गुप्ता की किताब ‘सहर’ का लोकार्पण।

कविताओं की नई किताब ‘एक अनाम पत्ती का स्मारक’ का लोकार्पण एवं उस पर चर्चा हुई। यह किताब नरेश सक्सेना की 14 सालों के बाद प्रकाशित हुई है। इस सत्र में महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल, लेखक रमेश अनुपम, स्वयं नरेश सक्सेना और हिंद युग्म के संपादक शैलेश भारतवासी मौजूद रहे।

 







निष्कर्ष

हिंद युग्म उत्सव 2025 रायपुर में भव्य और सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
यह केवल एक साहित्यिक कार्यक्रम नहीं बल्कि विचारों, संवादों, कला और संस्कृति का संगम था। दो दिनों तक चले इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ को साहित्यिक मानचित्र पर और मज़बूती से स्थापित किया है। आने वाले समय में यह उत्सव और भी बड़े पैमाने पर साहित्य और संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

  

मैहर का शारदेय नवरात्र मेला : माँ शारदा धाम की भक्ति और उत्सव

 परिचय

भारत में नवरात्र पर्व आस्था, शक्ति और भक्ति का सबसे बड़ा उत्सव है। मध्यप्रदेश के मैहर जिले का इस दौरान भक्तों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन जाता है। यहाँ स्थित माँ शारदा धाम में हर साल शारदेय नवरात्र मेला आयोजित होता है, जो धार्मिक आस्था के साथ-साथ लोक संस्कृति और सामाजिक उत्सव का अद्भुत संगम है।





माँ शारदा धाम, मैहर

  • स्थानत्रिकूट पर्वत, मैहर, मध्यप्रदेश
  • पहुँचने का मार्ग – 1063 सीढ़ियाँ या आधुनिक रोपवे सुविधा
  • मान्यतायहाँ माँ शारदा विराजमान होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं।

नवरात्र की धूम: भक्ति और उत्सव का माहौल

शारदेय नवरात्र के दौरान मैहर का पूरा वातावरण 'जय माता दी' के जयकारों से गूँज उठता है। मंदिर परिसर में सुबह की आरती और शाम की महाआरती के समय भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस दौरान यहाँ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं। चारों ओर भक्ति गीत, भजन और कीर्तन की ध्वनि सुनाई देती है, जिससे हर किसी का मन माँ की भक्ति में डूब जाता है।

मैहर मेले का सांस्कृतिक महत्व

मैहर का मेला सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ विभिन्न राज्यों से आए भक्त अपनी संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन करते हैं। कहीं लोकनृत्य होता है, तो कहीं पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। यह मेला भारत की विविधता में एकता का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 

नवरात्र में विशेष आयोजन

शारदेय नवरात्र के दौरान मैहर में भक्तों की भीड़ लाखों में पहुँचती है। मंदिर और पूरा शहर देवी भक्ति में डूबा रहता है।

  • अखण्ड ज्योति और दुर्गा सप्तशती पाठ
  • कुमारी पूजन एवं देवी अर्चना
  • ढोल-नगाड़ों, शंखध्वनि और देवी भजनों से गूंजता वातावरण
  • भक्ति भाव से रोते-गाते, गाते-नाचते श्रद्धालु

मेले का आकर्षण

मैहर का नवरात्र मेला केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

  • सांस्कृतिक कार्यक्रमलोकनृत्य, भजन-कीर्तन, कलाकारों के प्रदर्शन
  • बाज़ारपूजन सामग्री, खिलौने, मिठाइयाँ और स्थानीय हस्तशिल्प
  • मनोरंजनझूले, खेल और बच्चों के लिए विशेष आकर्षण



चाक चौबंद व्यवस्था के बीच मैहर का शारदेय नवरात्र मेला प्रारंभ।आज दिनांक 22.09.2025 दिन  सोमवार नवरात्रि के प्रथम दिवस की दर्शनार्थियों की  संख्या प्रातः 9 बजे तक 58,427 आकलित की गई है।

श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सुझाव

  1. भीड़ को देखते हुए सुबह जल्दी मंदिर पहुँचें
  2. जिनके लिए सीढ़ियाँ कठिन हैं, वे रोपवे का उपयोग करें
  3. नवरात्र के दौरान होटल और धर्मशालाएँ पहले से बुक कर लें।
  4. श्रद्धा के साथ-साथ स्थानीय लोक संस्कृति का आनंद लेना न भूलें

 

धार्मिक पर्यटन का केंद्र

आज मैहर का शारदेय नवरात्र मेला धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। हर साल यहाँ लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे यह स्थल न केवल आस्था का बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था का भी केंद्र बन चुका है।


मैहर का शारदेय नवरात्र मेला केवल पूजा और भक्ति का उत्सव नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक एकता का प्रतीक है। माँ शारदा के जयघोष से गूंजता यह मेला भक्तों के हृदय में भक्ति, शक्ति और आनंद का संचार करता है।