Friday, December 19, 2025

एक बार प्रेम- Book release

 📢 NOTICE

Author: Vivek Anjan Shrivastava
Subject: Announcement of Upcoming Hindi Poetry Book – “Ek Bar Prem”

एक बार प्रेम”—प्रेम, रोमांस और जीवन-दर्शन का काव्यात्मक संगम

सृजन मन की वह यात्रा है जहाँ भावनाएँ शब्द बनकर बहने लगती हैं। इस वर्ष मेरी लेखन यात्रा ने कई महत्वपूर्ण पड़ाव पूरे किए। दो पुस्तकों
“Padav – एक साझा काव्य संकलन और
“Abhivyakati – अंजन की संवेदनाएँके बाद,
अब मैं अपनी आगामी काव्य पुस्तक “Ek Bar Prem” के प्रकाशन की घोषणा करते हुए हर्ष और गर्व दोनों महसूस कर रहा हूँ।

 


🌹 “Ek Bar Prem”—क्यों है यह पुस्तक विशेष?

यह पुस्तक केवल प्रेम पर आधारित कविताओं का संग्रह नहीं है;
यह मानव मन की परतों में उतरकर प्रेम को कई रूपों में महसूस करवाती है

  • वह प्रेम जो पहली बार धड़कनों में उतरता है,
  • वह प्रेम जो जीवन को अर्थ देता है,
  • वह प्रेम जिसमें विरह भी है, उम्मीद भी है,
  • और वह प्रेम जिसमें जीवन-दर्शन छिपा है।

इस कविता संग्रह में प्रेम रोमांस के साथ-साथ आध्यात्मिक छाया, जीवन की समझ, और अंतर्मन की संवेदनाएँ भी समाहित हैं।
कविताएँ भावनाओं के सौंदर्य को बिना अतिरंजित किए, सरल और गहरे शब्दों में पाठकों तक पहुँचाती हैं।

 

🌿 पुस्तक की मूल भावना — “प्रेम एक अनुभव, एक यात्रा

“Ek Bar Prem” की प्रत्येक कविता अपने भीतर एक छोटी-सी कहानी समेटे हुए है।
इनमें

  • प्रेम की मासूमियत,
  • रिश्तों की नाज़ुकता,
  • भावनाओं का उतार-चढ़ाव,
  • और जीवन के बड़े सवालों के सरल उत्तर

मिलते हैं।

कभी यह कविता संग्रह पाठक के चेहरे पर मुस्कान लाएगा,
तो कभी उसे भीतर छिपे दर्द से भी रूबरू करवाएगा।
लेकिन अंततः हर कविता प्रेम की उपस्थिति, महत्ता और शक्ति का एहसास कराएगी।

 

📚 इस वर्ष की अन्य पुस्तकें

✔️ 1. “Padav – एक साझा काव्य संकलन

यह पुस्तक अनेक कवियों की अभिव्यक्तियों का एक सुंदर संगम है, जहाँ भावनाएँ, अनुभव और विचार एक साझा मंच पर मिलकर एक अनूठी साहित्यिक रचना बनाते हैं।

✔️ 2. “Abhivyakati – अंजन की संवेदनाएँ

मेरी अनुभव-यात्रा से पैदा हुई कविताओं का संग्रह।
यह पुस्तक उन संवेदनाओं, सोचों और जीवन-सितारों को शब्द देती है जो अक्सर मन में ठहर जाते हैं।

इन दोनों पुस्तकों को पाठकों ने बहुत सराहा, और उसी प्रोत्साहन ने “Ek Bar Prem” को जन्म दिया।

 

❤️ किसके लिए है “Ek Bar Prem”?

  • प्रेम को महसूस करने वालों के लिए
  • जीवन की गहराई में उतरने वाले पाठकों के लिए
  • रोमांस और भावनाओं के सौंदर्य को पसंद करने वालों के लिए
  • और उन सभी के लिए, जिन्होंने कभी एक बारप्रेम किया हो

 

📅 कब रही है पुस्तक?

“Ek Bar Prem” इस महीने पाठकों के लिए उपलब्ध होगी।
जल्द ही पुस्तक की कवर रिवील, खरीद लिंक, और लॉन्च अपडेट साझा किए जाएंगे।

 🖋️ अंत में

लेखन मेरे लिए केवल कला नहीं
यह मन की मुक्ति, भावनाओं की आवाज, और
अनुभवों की गूँज है।

मैं आशा करता हूँ कि “Ek Bar Prem” आपकी भावनाओं को छूएगी,
आपके अनुभवों से जुड़ेगी
और प्रेम के उस अनकहे जादू को आपके मन में फिर से जगा देगी।

आप सभी के आशीर्वाद और स्नेह की प्रतीक्षा है।

विवेक अंजन श्रीवास्तव

 

Wednesday, December 17, 2025

🌿 गुरु घासीदास जी: सत्य, समानता और सामाजिक जागरण के महापुरुष

 छत्तीसगढ़ की पावन धरती ने अनेक संतों, समाज सुधारकों और आध्यात्मिक पुरोधाओं को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक हैं गुरु घासीदास जी, जिन्होंने 18वीं–19वीं शताब्दी के सामाजिक अंधकार में समानता, मानवता और सतनाम का प्रकाश फैलाया। वह केवल एक धार्मिक गुरु नहीं, बल्कि दलितवंचित वर्गों के सामाजिक उत्थान के लिए संघर्षरत एक क्रांतिकारी विचारक भी थे।

[en.wikipedia.org], [biographeur.com]

 

🌼 जन्म और प्रारंभिक जीवन

गुरु घासीदास जी का जन्म 18 दिसंबर 1756 को गिरौदपुरी (जिला बलौदाबाज़ार, छत्तीसगढ़) में एक सतनामी परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्होंने सामाजिक भेदभाव, जातिगत अन्याय और शोषण को बहुत करीब से देखा। यही अनुभव बाद में उनके जीवन दर्शन और उनके मिशन का आधार बने।
[en.wikipedia.org]

उन्होंने श्रमजीवी परिवार में जन्म लेकर समाज की जमीनी वास्तविकताओं को समझा। शोषित वर्ग के दर्द को महसूस करते हुए उन्होंने सत्य, सरलता और समानता को अपना जीवनपथ बनाया।

 

आध्यात्मिक जागरण और सत्य की खोज

युवावस्था में गुरु घासीदास जी ने सामाजिक अन्याय के समाधान की खोज में गहन चिंतन और साधना की राह अपनाई। ऐसा कहा जाता है कि वे ज्ञान की खोज में जगन्नाथ पुरी की ओर गए, और यात्रा के दौरान सारंगढ़ में उन्हें आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त हुई। इसी अनुभूति ने उन्हें सतनाम के मार्ग की ओरित किया।
[hindu-blog.com]

छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में उन्होंने लंबे समय तक ध्यान किया। छह माह तक सोनाखान के जंगलों में तपस्या के बाद वे नए सामाजिकधर्मिक मार्ग के साथ वापस लौटेयह मार्ग आज सतनाम पंथ के नाम से जाना जाता है।

 

🕊️ सतनाम पंथ की स्थापना

गुरु घासीदास जी ने जिस पंथ की स्थापना की, उसका आधार थासत्य ही परमात्मा है
उनका संदेश तीन मूल स्तंभों पर आधारित था:

  • सत्य (सतनाम)
  • समानता (Equality)
  • अहिंसा और करुणा

उन्होंने मूर्तिपूजा, अंधविश्वास और जातिगत भेदभाव का खुलकर विरोध किया। समाज को यह बताया कि ईश्वर निराकार है और सत्य के मार्ग पर चलना ही वास्तविक धर्म है।
[biographeur.com]

 

🏳️ जैतखम्बसत्य और शांति का प्रतीक

गुरु घासीदास जी का सर्वाधिक प्रसिद्ध योगदान हैजैतखम्ब (Jai Stambh)
यह एक सफेद लकड़ी का स्तंभ, जिसके शीर्ष पर सफेद झंडा होता है। इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक संदेश है:

  • सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
  • सीधा खड़ा स्तंभ सत्य पर अडिग रहने का संकेत है।

यह प्रतीक आज भी सतनामी समाज का आध्यात्मिक आधार है।
[biographeur.com]

 

🌍 सामाजिक सुधारक के रूप में गुरु घासीदास

गुरु घासीदास जी केवल आध्यात्मिक गुरु नहीं थे, वे समाज की बुराइयों से लड़ने वाले एक सच्चे सुधारक थे।
उन्होंने

  • जाति व्यवस्था को अन्यायपूर्ण बताया
  • दलितवंचित वर्गों को मानवाधिकार और सम्मान के लिए प्रेरित किया
  • मद्यपान, मांसाहार और हिंसा का स्पष्ट विरोध किया
  • सभी मनुष्यों को समान माना, चाहे उनका जातिवर्ग कुछ भी हो

छत्तीसगढ़ के गाँवगाँव में घूमकर उन्होंने जागृति का संदेश फैलाया और लोगों को सत्यनिष्ठ जीवन अपनाने की प्रेरणा दी।
[ambedkaritetoday.com]

📚 उनकी विरासत और आज का छत्तीसगढ़

गुरु घासीदास जी के संदेशों का प्रभाव सदियों बाद भी उतना ही गहरा है।
आज भी छत्तीसगढ़ और पूरे भारत में उनका सम्मान किया जाता है।

उनकी स्मृति में:

  • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
  • गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU)
    का नामकरण किया गया है।
    [biographeur.com]

इसके अलावा सतनामी समाज आज भी उनके संदेशों को जीवनमंत्र मानकर आगे बढ़ रहा है।

 

💬 गुरु घासीदास जी का संदेशआज के संदर्भ में

आज के समाज में जहाँ आर्थिक असमानता, जातिगत भेदभाव और सामाजिक तनाव अब भी मौजूद हैं, ऐसे समय में गुरु घासीदास जी की शिक्षा और अधिक प्रासंगिक हो जाती है:

  • सत्य ही ईश्वर है, और सत्य मार्ग ही मुक्ति का मार्ग है।
  • सभी मनुष्य समान हैंजाति, वर्ग, धनसंपत्ति से ऊपर।
  • शांति, सरलता और सच्चाई से ही समाज उज्ज्वल बनता है।

उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हर व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान मिले।

 

🌟 निष्कर्ष

गुरु घासीदास जी केवल छत्तीसगढ़ के संत नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक चेतना के महान दीपस्तंभ हैं। उन्होंने हमें सत्य, समानता और मानवीय मूल्यों की ऐसी राह दिखाई, जिसे अपनाकर हम एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।

उनकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही सार्थक हैं जितनी दो शताब्दियाँ पहले थींऔर आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का प्रकाशस्तंभ बनी रहेंगी।

 

आदर्श जीवन क्या है?

 एक सरल, शांत और संतुलित जीवन की तलाश

हम सभी अपने जीवन मेंआदर्श जीवनकी खोज करते हैं। कोई इसे सफलता में देखता है, कोई रिश्तों में, कोई धन में और कोई शांति में। पर क्या सच में किसी एक सूत्र से आदर्श जीवन को परिभाषित किया जा सकता है? शायद नहीं।
हर व्यक्ति की परिस्थितियाँ, सोच और इच्छाएँ अलग होती हैंइसलिए आदर्श जीवन भी हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है।

फिर भी कुछ मूलभूत बातें ऐसी हैं जो हर किसी के जीवन को बेहतर, संतुलित और संतोषपूर्ण बना सकती हैं। इन्हीं बातों पर यह ब्लॉग आधारित है।

 

1. संतुलन: काम और निजी जीवन का सही तालमेल

आदर्श जीवन वह है जिसमें

  • काम की भागदौड़ हो,
  • लेकिन परिवार के लिए समय भी हो।
  • सपने हों,
  • लेकिन थकान भी समझी जाए।

संतुलन जीवन का सबसे सुंदर संगीत है। बिना संतुलन के सफलता सुख देती है, आराम।

 

2. शांत मन: आदर्श जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति

शांत मन वह चीज़ है जिसे खरीदा जा सकता है, किसी से उधार लिया जा सकता है।
एक शांत मन

  • सही निर्णय लेता है,
  • छोटीछोटी खुशियों को महसूस करता है,
  • और जीवन को बोझ नहीं बल्कि अवसर समझता है।

ध्यान, प्रकृति, कम बातेंये सब मन को हल्का बनाते हैं।

 

3. रिश्तों में सच्चाई और अपनापन

आदर्श जीवन सिर्फ अकेले जीने का नाम नहीं है।
यह उन लोगों के साथ जुड़कर बनता है
जिससे हम प्रेम करते हैं,
जो हमें समझते हैं,
और जिनके साथ हम बिना डर और दिखावे के रह सकते हैं।

ऐसे रिश्ते जीवन को गहराई देते हैं।

 

4. खुद के लिए समय: Self‑Care की कला

हम अक्सर दूसरों के लिए सब करते हैं
लेकिन खुद के लिए?
आदर्श जीवन वह है जिसमें
हर दिन कुछ मिनट सिर्फ खुद के लिए हों।
पढ़ना, टहलना, संगीत सुनना, कविता लिखना
कुछ भी जो आपके भीतर को पोषण दे।

सही मायनों में self‑care स्वार्थ नहीं, स्वास्थ्य है।

 

5. उद्देश्य (Purpose): जीवन को दिशा देने वाला दीपक

जीवन सिर्फ गुजरने का नाम नहीं,
जीवन गढ़ने का नाम है।
आदर्श जीवन वह है जिसमें व्यक्ति को पता हो कि वह किस दिशा में बढ़ रहा है।

यह उद्देश्य नौकरी, कला, परिवार, समाजकिसी भी रूप में हो सकता है।
उद्देश्य हमें थकान में भी आगे बढ़ने की ताकत देता है।

 

6. सरलता: जितना कम बोझ, उतना अधिक सुख

आदर्श जीवन का मतलब बड़ा घर या बड़ा बैंक बैलेंस नहीं।
कभी-कभी आदर्श जीवन का अर्थ होता है
कम चीज़ें, कम अपेक्षाएँ, कम तनावऔर ज्यादा मुस्कानें।

सरलता हमें उस मूल जीवन से जोड़ती है जिसकी आवश्यकता सबसे अधिक है
साधारण लेकिन खूबसूरत जीवन।

 

7. कृतज्ञता: जीवन का असली स्वाद

हर छोटी चीज़ के लिएधन्यवादकहना
हमारे जीवन को खूबसूरत बनाता है।
कृतज्ञता का अभ्यास हमें यह सिखाता है कि
जीवन पहले से ही अच्छा है, बस हमें उसे देखने की आदत डालनी है।

 

🌿 तो आदर्श जीवन क्या है?

आदर्श जीवन कोई मंज़िल है, कोई पुरस्कार।
यह एक जीने की कला है।
एक साधारण दिन को भी सुंदर बना देने वाली आदतों का मेल।

आदर्श जीवन वह है जिसमें
हम खुश रहने का निर्णय खुद लेते हैं
हर दिन, हर पल।