भजन "शिरडी वाले साईं बाबा आया है तेरे दर पे सवाली" एक अत्यंत भावुक
और श्रद्धा से भरा गीत
है, जिसे मोहम्मद रफ़ी ने अपनी मधुर
आवाज़ में गाया है।
यह भजन साईं बाबा
की महिमा, करुणा और भक्तों के
प्रति उनके प्रेम को
दर्शाता है।
🎵 भजन का विवरण:
- गीत: शिरडी वाले साईं बाबा
- मुख्य पंक्तियाँ:
"ज़माने ने कहा टूटी हुई तस्वीर बनती है,
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तक़दीर बनती है..." - गायक: मोहम्मद रफ़ी
- शैली: भक्ति गीत / कव्वाली शैली
- भाव: समर्पण, श्रद्धा, और आस्था
- मुख्य विषय:
यह भजन बताता है कि साईं बाबा के दरबार में हर टूटी उम्मीद जुड़ जाती है, हर बिगड़ी तक़दीर सँवर जाती है। अमीर-गरीब, छोटा-बड़ा — सब उनके दर पर समान हैं।
🌟 प्रमुख भावनाएँ:
- दया और करुणा: बाबा हर दुखी की सुनते हैं।
- आस्था और विश्वास: जो भी उनके दर पर आता है, खाली नहीं लौटता।
- याद और समर्पण: यह गीत एक भक्त की पुकार है, जो बाबा से अपने जीवन की दिशा माँगता है।
जमाने
ने कहा टूटी हुई
तश्वीर बनती है,
तेरे
दरबार में बिगड़ी हुई
तक्दीर बनती है ।
तारीफ
तेरी निकली है दिल से,
आयी
है लव बनके कवाली
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली ।
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली ।
लव पे दुआएँ आँखो
में आंसू
दिल
में उम्मीदें पर झोली खाली
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली ।
दर पे सवाली आया
दर पे सवाली,
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली ।
ओ मेरे सांई देवा
तेरे सब नाम लेवा
।
ओ मेरे सांई देवा
तेरे सब नाम लेवा
।
खुदा
इनसान सारे सभी, तुझको
हैं प्यारे,
सुने
फरियाद सबकी, तुझे है याद
सबकी,
बड़ा
या कोई छोटा, नहीं
मायूस लूटा,
अमीरों
का सहारा, गरीबों का गुजारा,
तेरी
रहमत का किस्सा ब्यान
अकबर करे क्या,
दो दिन की दुनिया,
दुनिया है गुलशन,
सब फूल कांटे, तू
सब का माली,
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली ।
खुदा
की शान तुझमें,
दिखें
भगवान तुझमें--------2
तुझे
सब मानते है,
तेरा
घर जानते है,
चले
आते है दौड़े,
जो खुश किस्मत है
थोड़े,
ये हर राही की
मन्जिल,
ये हर कश्ती का
साहिल,
जिसे
सब ने निकाला,
उसे
तूने सम्भाला,
जिसे
सबने निकाला, उसे तूने सम्भाला,,,,,,,,,,,,,,
तू बिछड़ों को मिलाये,
बुझे
दीपक जलाये---------2
ये गम की रातें,
रातें ये काली,
इनको
बनादे ईद और दीवाली
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली ।
लव पे दुआएँ आँखो
में आंसू
दिल
में उम्मीदें पर झोली खाली
शिरडी
वाले सांई बाबा
आया
है तेरे दर पे
सवाली--------4
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