छठ पूजा उत्तर भारत
का एक प्रमुख पर्व
है जो सूर्य देव
और छठी मैया को
समर्पित होता है। यह
पर्व दिवाली के छह दिन
बाद मनाया जाता है और
चार दिनों तक चलता है।
इसमें व्रती महिलाएं कठिन नियमों का
पालन करते हुए सूर्य
को अर्घ्य देती हैं और
संतान सुख, स्वास्थ्य और
समृद्धि की कामना करती
हैं।
📅 छठ पूजा 2025 की तिथियाँ
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दिन |
तिथि |
विवरण |
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पहला
दिन |
25 अक्टूबर
2025 (शनिवार) |
नहाय-खाय – व्रती स्नान कर सात्विक भोजन
करते हैं और पूजा का
संकल्प लेते हैं। |
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दूसरा
दिन |
26 अक्टूबर
2025 (रविवार) |
खरना
– दिनभर उपवास और शाम को
गुड़-चावल की खीर व
रोटी का प्रसाद। इसके
बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत
शुरू होता है। |
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तीसरा
दिन |
27 अक्टूबर
2025 (सोमवार) |
संध्या
अर्घ्य – डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पण
किया जाता है। |
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चौथा
दिन |
28 अक्टूबर
2025 (मंगलवार) |
उषा
अर्घ्य – उगते सूर्य को अर्घ्य देकर
व्रत का पारण किया
जाता है। [timesnowhindi.com],
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🧘♀️ पूजा विधि
🔹 नहाय-खाय:
- सूर्योदय से पहले स्नान करें (यदि संभव हो तो नदी में या गंगाजल मिलाकर घर में स्नान करें)।
- घर और रसोई की सफाई करें।
- सात्विक भोजन बनाएं: कद्दू की सब्जी, चावल, चना दाल।
- भोजन में लहसुन-प्याज और सामान्य नमक का प्रयोग न करें; सेंधा नमक और शुद्ध घी का उपयोग करें।
🔹 खरना:
- दिनभर उपवास रखें।
- शाम को गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद बनाएं।
- प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करें।
🔹 संध्या अर्घ्य:
- पूजा सामग्री सिर पर रखकर घाट पर जाएं।
- डूबते सूर्य को जल में खड़े होकर अर्घ्य दें।
🔹 उषा अर्घ्य:
- अगली सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दें।
- व्रत का पारण करें और छठी मैया से सुख-समृद्धि की कामना करें।
🛍️ पूजा सामग्री सूची
गन्ना,
कपूर, दीपक, अगरबत्ती, बाती, कुमकुम, चंदन, फूल, साबुत सुपारी,
शहद, हल्दी, मूली, नारियल, अक्षत, अदरक का पौधा,
केला, नाशपाती, शकरकंदी, सुथनी, मिठाई, पीला सिंदूर, घी,
गुड़, गेहूं, चावल का आटा
आदि। [timesnowhindi.com]
🙏 महत्व और संदेश
छठ पूजा केवल धार्मिक
अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मसंयम, शुद्धता और प्रकृति के
प्रति सम्मान का प्रतीक है।
यह पर्व हमें सिखाता
है कि सूर्य, जल
और अन्न जैसे प्राकृतिक
तत्व हमारे जीवन के आधार
हैं और इनका संरक्षण
हमारा कर्तव्य है।