हर
मोड़ पर ज़िंदगी ने इम्तिहान लिया है,
हमने भी हर बार हँसकर उसे सलाम किया है।
जो टूटा है अंदर कहीं, वो दिखाया नहीं,
पर हर दर्द को हमने कलम से बयान किया है।
जिन्हें
हमसफ़र समझा, वो रास्ता बदल गए,
हम फिर भी अकेले चलने का हौसला रख सकते हैं।
हर आँसू को मोती बना लिया है हमने,
अब ज़ख्म भी मुस्कुरा कर सह सकते हैं।
जो
खो गया है, उसका ग़म नहीं करते,
जो पास है, उसे ही जश्न बना सकते हैं।
ज़िंदगी से शिकवा नहीं कोई अब हमें,
हर हाल में जीना हम सिखा तो सकते हैं।