नये साल की शुभकामनाएँ!
खेतों की मेड़ों पर धूल-भरे पाँव को,
कुहरे में लिपटे उस छोटे-से गाँव को,
नए साल की शुभकामनाएँ!
जाते के गीतों को, बैलों की चाल को,
करघे को, कोल्हू को, मछुओं के जाल को,
नए साल की शुभकामनाएँ!
इस पकती रोटी को, बच्चों के शोर को,
चौंके की गुनगुन को, चूल्हे की भोर को,
नए साल की शुभकामनाएँ!
वीराने जंगल को, तारों को, रात को,
ठण्डी दो बन्दूकों में घर की बात को,
नए साल की शुभकामनाएँ!
इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को,
सिगरेट की लाशों पर फूलों-से ख्याल को,
नए साल की शुभकामनाएँ!
रचना : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ नए वर्ष की नई दिशा हो, नई कामना, नई आस हो, नई भावना, नई सोच हो,
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!!